सौंफ की फसल के साथ आलू-खरबूजे की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान

Update: 2017-02-14 17:31 GMT
हरदोई जिले के किसान सौंफ की खेती कर अच्छा लाभ कमाने के साथ ही यहां के किसान सहफसली खेती भी करते हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कोथावां (हरदोई)। हरदोई जिले के किसान कई वर्षों से सौंफ की खेती कर रहे हैं, अच्छा लाभ कमाने के साथ ही यहां के किसान सौंफ के साथ सहफसली खेती भी करते हैं।

जिले के कोथावां ब्लॉक के किसान धन्वन्तर प्रसाद मौर्य (34 वर्ष) बताते हैं, “हमारे परदादा के जमाने से सौंफ की खेती हो रही है, पहले कम होती थी अब हमारे गाँव काकूपुर में 25 बीघा से ज्यादा खेती सिर्फ सौंफ की होती है।” धन्वन्तर प्रसाद का गाँव जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में है। हरदोई जिले के किसान नौ महीने वाली सौंफ की फसल में आलू, खरबूजा की खेती करने के साथ अच्छा मुनाफा कमाते हैं। जब ये फसलें खत्म हो जाती हैं तो इससे खेत में मक्का की बुवाई करते हैं।

पूरे एक साल में एक ही खेत में चार फसले ले लेते हैं, सौंफ तो पक्की फसल होती ही है साथ में इसी खेत में आलू और खरबूजे में भी मुनाफा कमा लेते हैं, सौंफ की पूरी फसल में सिर्फ तीन हजार ही लागत आती है, 15-20 हजार की बचत हो जाती है, आलू और खरबूजा में भी अगर अच्छा भाव मिल जाए तो मुनाफा हो जाता है।
उमाशंकर मौर्य, किसान, काकूपुर गाँव

धन्वन्तर प्रसाद ने इस बार अपने खेत में दो बीघा सौंफ की बुवाई अगस्त महीने में की थी, सितम्बर माह में उसी खेत में आलू की बोवाई कर दी। अभी आलू की खोदाई हो गयी है जिसमें 39 क्िवंटल आलू पैदा हुए हैं। धन्वन्तर प्रसाद मौर्य बताते हैं, “सौंफ के खेत में इस बार आलू की पैदावार हर बार की अपेक्षा कम हुई है, 10 दिन बाद खरबूजे की बुवाई कर देंगे, इसके बाद मक्का की बुवाई भी इसी खेत में कर देते हैं।”

हरदोई जिले के किसान सौंफ को बेचने के लिए लखनऊ मंडी आते हैं, जिनके पास कम सौंफ होती है वो संडीला बाजार में भी बेच देते हैं। इसी गाँव के किसान नैमिश मौर्य बताते हैं, “एक क्िवंटल सौंफ 10-12 बाजार में बिक जाती है, बीघे भर में सवा डेढ़ क्िवंटल सौंफ पैदा हो जाती है, पूरे साल में एक खेत में कई सहफसली लेने के साथ लाखों रुपए का मुनाफा हो जाता है।”
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