जीएसटी का असर बच्चों की यूनिफॉर्म पर भी

Update: 2017-07-05 08:47 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

वाराणसी। जीएसटी से व्यापारी, उद्यमी और दुकानदार ही नहीं बल्कि बेसिक शिक्षा विभाग भी परेशान है। एक जुलाई से जीएसटी लागू होने से परिषदीय स्कूलों में ड्रेस का वितरण नहीं हो पा रहा है। बजट होने के बाद भी विद्यालय प्रबंध समिति ड्रेस नहीं खरीद पा रही है। क्योंकि व्यापारी जीएसटी की वजह से कपड़ा देने से इंकार कर रहे हैं।

जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर महेशपुर ग्रामसभा स्थित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को गाँव कनेक्शन की टीम पहुंची। विद्यालय में मौजूद बच्चे पुरानी यूनीफार्म में दिखे। पूछने पर विद्यालय की प्रधानाचार्य पूनम श्रीवास्तव बताती हैं, “ड्रेस अभी नहीं बंटी, लेकिन किताबें बंटी गई हैं।

ड्रेस न बंटने की वजह पूछने पर वह बताती हैं, “जीएसटी के कारण दुकानदार कपड़ा नहीं दे रहे हैं और बिल देने को तैयार हैं उनके पास ड्रेस के लिए तय कलर वाला कपड़ा ही नहीं है।” आराजी लाइन ब्लाक के अंतर्गत मोहनसरांय प्राथमिक विद्यालय में अभी बच्चों को ड्रेस नहीं मिल पाया है। ड्रेस वितरण के संबंध में बीईओ स्कंद गुप्ता ने बताया, “अभी 29 जून को बजट आया है। ड्रेस वितरण का जिम्मा विद्यालय प्रबंध समिति के पास है।

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मुझे जानकारी है कि उनके खाते में पैसा अभी नहीं पहुंचा है। जीएसटी से परेशानी की हमें जानकारी नहीं है। बुधवार संकुल प्रभारी की बैठक होगी, जिसमें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।” बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरण यादव कहते हैं, “ड्रेस वितरण कराने का समय 15 जुलाई तक है। कई स्कूलों में ड्रेस बंट चुकी है। अभी दो जुलाई को सीएम के आगमन पर ड्रेस बंटी थी। बजट की कोई समस्या नहीं है। शासन से बजट आ चुका है, जो संबंधित स्कूलों के प्रबंध समिति के खातों में जा रहा है, लेकिन जीएसटी की वजह से दुकानदार ड्रेस देने से इंकार कर रहे हैं। मार्केट में शासन से तय कलर के कपड़े भी उपलब्ध नहीं हैं।”

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