इस बार पूरे देश में जमकर हुई है दलहन की बुआई, फिर क्यों विदेशों से मगंवाई जा रही है दाल ?

Update: 2017-02-10 11:37 GMT
देश में इस वर्ष दलहन का अनुमानित उत्पादन का लक्ष्य दो मिलियन टन तक लगाया जा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। देश में इस वर्ष दलहन का अनुमानित उत्पादन का लक्ष्य दो मिलियन टन तक लगाया जा रहा है। दलहनी फसलों के अच्छे उत्पादन के बावजूद सरकार बड़ी मात्रा में विदेशों से दाल खरीद रही है, वहीं किसान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम दाम में दाल बेच रहे हैं।

बाराबंकी जिले के मल्लावां गाँव में डेढ़ एकड़ खेत में अरहर की खेती कर रहे किसान रामसागर गुप्ता (48 वर्ष) बताते हैं, ‘’हम उड़द, अरहर और मसूर दालों की खेती करते हैं। पिछले वर्ष सितंबर में चार बीघे में अरहर बोई थी, जो इस बार अच्छी हुई है। इस समय मंडी में अरहर 4,200 से 4,500 तक बिक रही है।’’

भारतीय कृषि मंत्रालय द्वारा पिछले वर्ष सितंबर में जारी किए गए अनुमान के अनुसार, पिछले वर्ष 2.46 मिलियन टन के अरहर उत्पादन की तुलना में इस वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड 4.29 मिलियन टन अरहर उत्पादन होने का अनुमान है। सरकार ने इस वर्ष अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,050 रुपए रखा है, लेकिन मंडियों में किसानों से अरहर 4,200 से 4,500 रुपए प्रति कुंतल के रेट पर ली जा रही है।

मौजूदा समय में दलहन का स्टॉक कम है, इसलिए आने वाली फसल से पहले देश में दाल की आपूर्ति के लिए विदेशों से दालें खरीदी जा रही हैं।
डॉ. पुरुषोत्तम, कृषि वैज्ञानिक, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान

इस संबंध में उत्तर प्रदेश कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के उपनिदेशक सुग्रीव शुक्ला ने बताया कि भले ही इस वर्ष दलहनी फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ है, पर मौजूदा समय में देश का घरेलू दाल उत्पादन बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए बहुत कम है। इसलिए सरकार अरब देशों से दाल की खरीद अभी भी जारी रख रही है।

वहीं, खाद्य मंत्रालय द्वारा पिछले महीने जारी की गई राष्ट्रीय खाद्य रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने वर्ष 2016-17 में दलहनी फसलों का बफर स्टॉक का अनुमान दो मिलियन टन रखा है। इसमें 23 दिसंबर 2016 तक देश में घरेलू दाल उत्पादन की मदद से 6.75 लाख टन दाल खरीदी जा चुकी है।

देश में दलहनी फसलों के बढ़ते उत्पादन के बावजूद विदेशों से दाल की खरीद जारी रखने की बात कहते हुए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि सरकार ने इस वर्ष दो मिलियन टन दाल के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष दलहनी फसलों का उत्पादन अच्छा नहीं था, इसलिए इस वर्ष आने वाली दलहनी फसलों से बफर स्टॉक को पूरा किया जाएगा।

वहीं, भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) के अनुसार, वर्ष 2015 में अक्टूबर से दिसंबर माह तक भारत में दूसरे देशों से कुल 1.9 मिलियन टन दाल खरीदी गई थी। वहीं इसी समय वर्ष 2016 में 2.45 मिलियन टन दाल की खरीद हुई है।

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