स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। "मेरे आदमी ने खेती के लिए बैंक से कर्ज लिया था। खेती में भी नुकसान हो गया और पति भी बीमार रहने लगे। बच्चों को पढ़ाने और खिलाने के लिए मुझे मज़दूरी करनी पड़ रही थी। कर्ज तो 18 हज़ार रुपए लिए थे, लेकिन ब्याज के साथ बढ़ 33 हज़ार रुपया कर्ज हो गया था। मुख्यमंत्री जी ने मांफ करने का फैसला लिया है। अगर हमारा कर्ज माफ हो जाता है तो मैं उनको भगवान मानूगी।" यह कहना है रामा देवी (40 वर्ष) का।
राजधानी लखनऊ से 20 किलोमीटर दूर मलिहाबाद के भुलसी गाँव में रामा देवी की तरह सैकड़ों परिवार में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के किसानों के कर्ज माफ के फैसले से ख़ुशी का माहौल है।
स्थानीय निवासी बलराम बताते हैं, "सरकार अगर पैसे माफ नहीं करती तो उन्हें खेत बेचकर पैसा चुकाना पड़ता। कर्ज कैसे उतरेगा इसको लेकर हमेशा चिंता बनी रहती थी। इस फैसले से बहुत राहत मिली है।
यूपी में सरकार गठन के 16 दिन मंगलवार को कैबिनेट बैठक में आदित्यनाथ योगी सरकार ने किसानों का 36,359 करोड़ का कर्जा किया था। सरकार के इस फैसले एक लाख तक के कर्ज लेने वाले किसान ही ले सकते हैं।
भुलसी गाँव के प्रधान मनोज कुमार कहते हैं, "हमारे गाँव में आम ही होता है, जिसमें हर दूसरे साल नुकसान होता है। जिसके कारण में 90 प्रतिशत से ज़्यादा लोग क़र्ज़ में डूबे हुए हैं। ज़्यादातर किसानों पर एक लाख रुपए से कम ही क़र्ज़ है, जिसके कारण सरकार के इस फैसले से यहां ख़ुशी का माहौल है। सरकार के इस फैसले से मैं बहुत खुश हूं। किसानों को बहुत राहत मिली है।
गाँव के रहने वाले बलराम ने 18 हज़ार रुपए सरकारी क़र्ज़ लिया था। पैसे की कमी के कारण वो पैसे नहीं चुका पा रहे थे। बलराम बताते हैं कि खेती से घर ही चलाना मुश्किल होता है कर्ज़ कैसे चुकाए। सरकार के इस फैसले से हमें राहत मिली है। एक दुःख कम हो गया है।
भुलसी गाँव के निवासी कमलेश उदास होकर बताते हैं, "सरकार के इस फैसले से मैं बहुत खुश नहीं हूं, मेरे ऊपर सरकार का एक लाख 20 हज़ार रुपए का कर्ज था। मुझे इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।"
मलिहाबाद निवासी इमरान अहमद कहते हैं कि सरकार ने कर्ज मांफी की सीमा एक लाख तक कर सही की है। इससे गरीब किसानों को फायदा होगा। अगर सिमा ज़्यादा होती तो दूसरे लोग भी फायदा उठा लेते। सरकार के इस फैसले से मैं बहुत खुश हूँ।
सरकार के इस फैसले से जहां गाँव में ख़ुशी का माहौल है। वहीं स्थानीय निवासी नजीम खान बताते हैं कि किसान का कर्ज़ माफ करने का फैसला सही है, लेकिन कर्ज मांफ करने की जगह ऐसी व्यस्था की जाए ताकि किसानों को क़र्ज़ ही ना लेनी पड़े। किसान की फसल को उचित दाम मिले ताकि वो क़र्ज़ ना लें। सरकार किसानों से खुद फसल खरीदे और उचित दाम पर खरीदे।