कोष में कम पैसा, कैसे हो अधिक दाल खरीद ? 

Update: 2017-02-18 10:04 GMT
देश के दलहनी बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 10 लाख टन की घरेलू दाल खरीद का लक्ष्य रखा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। देश के दलहनी बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए सरकार ने इस वर्ष 10 लाख टन की घरेलू दाल खरीद का लक्ष्य रखा है, लेकिन देश में सरकारी दाल खरीद एजेंसियों के पास दलहनी खरीद कोष अस्थिर होने से देश में दाल की खरीद धीमी गति से चल रही है।

देश में 20 लाख टन के दलहनी बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने घरेलू दाल खरीद के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), लघु कृषक कृषि प्यापार संघ (एसएफएसी) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) सरकारी एजेंसियों को ज़िम्मेदारी दी है। इन संस्थाओं को देश की कुल 10 लाख टन दाल घरेलू दाल खरीदने का लक्ष्य दिया गया है।

उत्तर प्रदेश में दाल की खरीद को लेकर दिए गए कोष की बात कहते हुए नाफेड (नॉर्थ ज़ोन) के राजकीय गोदाम प्रबंधक रंजय कुमार ने बताया,’’ उत्तर प्रदेश में पिछले खरीफ सीज़न में नाफेड को दिया गया दलहनी खरीद लक्ष्य 15,000 टन है। इसके लिए सरकार ने हमें 120 करोड़ का कोष दिया है। प्रदेश में पिछले दलहनी उत्पादन को देखते हुए इस वर्ष लक्ष्य से कहीं ज़्यादा दाल खरीद (19,000 टन) होने की संभावना है।’’उन्होंने आगे बताया कि लक्ष्य से अधिक हो रही दाल खरीद के लिए हम मुख्यालय से और अधिक कोष देने की मांग कर चुके हैं।

खाद्य मंत्रालय द्वारा पिछले महीने जारी की गई राष्ट्रीय खाद्य रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने वर्ष 2016-17 में दलहनी फसलों का बफर स्टॉक का अनुमान दो मिलियन टन रखा है। इसमें 23 दिसंबर 2016 तक देश में घरेलू दाल उत्पादन की मदद से 6.75 लाख टन दाल खरीदी जा चुकी है।

भारत में दालों की खरीद दिए जाने वाले स्थिरीकरण कोष को अहम बताते हुए कृषि विपणन, मुख्यालय उत्तरप्रदेश के सह निदेशक ओमप्रकाश बताते हैं,’’ भारत में हर वर्ष लाखों टन दाल की खरीद की जाती है। इसके लिए राष्ट्रीय खरीद एजेंसियां अपने स्थानीय खरीद केंद्र स्थापित करती हैं। इन केंद्रों को एक निर्घारित स्टॉक क्षमता व खदीक कोष लक्ष्य दिया जाता है। लक्ष्य से अधिक वो दाल खरीद नहीं कर सकते हैं, भले ही कितना भी उत्पादन हुआ हो। इससे क्षेत्रवार दाल की खरीद पर असर पड़ता है।’’

केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा छह फरवरी 2017 को जारी की गई राष्ट्रीय खरीद सूचि के मुताबिक भारत में नाफेड की ओर से 3,39,443 टन दाल, एफसीआई ने 1,31,216 टन और 52,027 टन दाल खरीदी जा चुकी है। ‘’सरकार हर वर्ष जितना खर्च विदेशों से दाल मंगाने के लिए करती है,अगर उतने पैसे में वो सरकारी खरीद केंद्रों को दिए जाने वाले कोष को बढ़ावा दे, तो घरेलू दाल उत्पादन के साथ साथ घरेलू दाल खरीद भी बढ़ेगी।” ओमप्रकाश आगे बताते हैं।

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