कम लागत और अच्छा मुनाफा देगी तरोई

Update: 2017-04-01 16:40 GMT
किसानों ने अगेती खेती करके मुनाफा कमाने का तरीका सीख लिया है।

वीरेंद्र सिंह,स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

बाराबंकी। किसानों ने अगेती खेती करके मुनाफा कमाने का तरीका सीख लिया है। ऐसी ही तरोई भी अगेती फसल है, जो सीजन से पहले बेचने पर किसानों को काफी मुनाफा होता है। इसी कारण से बाराबंकी में कम लागत और अच्छे मुनाफे के कारण अगेती तरोई की खेती किसानों को खूब भा रही है।

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जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर उत्तर दिशा मे स्थित छोटे से गाँव गंगापुर के किसान अश्वनी कुमार वर्मा ने इस समय अगेती तरोई तैयार करके बाजार में सबसे पहले हरी सब्जी आसानी से उपलब्ध करा रहे हैं। अगेती तरोई की खेती के बारे में पूछने पर अश्वनी वर्मा बताते हैं, “इसकी तैयारी वह जनवरी माह मे प्रारम्भ कर देते हैं।

जनवरी के प्रथम सप्ताह मे ‘लो टनल’ विधि द्वारा नर्सरी में बीज की बुवाई की जाती है। इस तरह बोया गया बीज 20 से 25 दिन मे पौधे के रूप मे तैयार हो जाता है। तैयार पौधे को खेत में नाले बनाकर पेड़ से पेड़ 45 सेन्टीमीटर की दूरी तथा लाइन से लाइन 5 फुट की दूरी रखकर पौधे को फरवरी के प्रथम सप्ताह में लगा दिया जाता है। पौधे लगाने के 40 से 50 दिन बाद तरोई निकलनी प्रारम्भ हो जाती है।

सूरतगंज ब्लॅाक के टाडपुर मे तरोई की खेती करने वाले किसान अनिल वर्मा (35 वर्ष) बताते हैं, “हम आलोक वीएनआर डाली बायर लोहित इन्डोसेल जैसे बीजों का इस्तेमाल करते हैं।” लागत तथा आय के बारे में पूछने पर अनिल वर्मा कहते हैं, “एक एकड़ में नर्सरी तथा खेत मे तार व बांस लगाने में 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आ जाता है।

इस समय तरोई लगभग 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रही है। एक माह बाद रेट लगभग 10 रुपए प्रति किलो रह जाएगा। इस तरह एक एकड़ खेत से लगभग 1.0 से 1.5 लाख रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हो जाता है।”

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