मक्का को किसान बना रहे अब मुख्य फसल 

Update: 2017-02-25 15:47 GMT
वर्ष में तीन बार मक्के की फसल का उत्पादन होने की वजह से किसानों का रूझान अब मक्के की खेती ओर बढ़ा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

हरदोई। वर्ष में तीन बार मक्के की फसल का उत्पादन होने की वजह से किसानों का रूझान अब मक्के की खेती ओर बढ़ा है। लागत कम लगने के साथ ही किसान सहफसल के तौर पर मक्का और राजमा की खेती कर रहे हैं।

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“मैंने मेंथा की फसल को छोड़कर मक्का की खेती करना शुरू किया क्योंकि मेंथा का रेट कम हो रहा था और मंडी भी सही नहीं मिल रही थी, जबसे मक्का की खेती कर रहे हैं तबसे मक्का की पैदावार लगातार अच्छी हो रही है, मक्का के साथ मटर और राजमा की फसल अलग से ले लेते हैं।” ये कहना है हरदोई जिले के प्रगतिशील किसान अमरेन्द्र विक्रम सिंह (45 वर्ष) का।

पिछले कई वर्षों से मक्का की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है, किसान एक बीघे में 15-20 कुंतल मक्का का उत्पादन ले रहे हैं, मक्का की खेती पर किसानों को बीज में 100 रुपए सब्सिडी मिलती है, साल में तीन बार मक्का की खेती होती है, किसान सीजन के हिसाब से मक्का के बीज का चयन करें, गुणवत्ता वाला बीज हो, मक्का की खेती पंक्ति में करें इससे उत्पादन बेहतर होगा ।
डॉ डीपी सिंह, उप कृषि निदेशक, लखनऊ

अमरेन्द्र विक्रम सिंह जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर संडीला ब्लॉक के महिगंवा गाँव के प्रगतिशील किसान हैं। अमरेन्द्र की तरह हरदोई जिले के सैकड़ों किसान हजारो हेक्टेयर में मक्का की खेती कर रहे हैं। पिछले वर्ष का अनुभव साझा करते हुए अमरेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया, “मैंने पिछले वर्ष एक हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की थी जिसमे जायद में 72 कुंतल मक्का, खरीफ में 50 कुंतल और रवि में 100 कुंतल से ज्यादा मक्का की पैदावार हुई, मटर और राजमा का उत्पादन अलग से ले लिया।”

डॉ डीपी सिंह ने बताया, “वर्ष 2016-17 के अनुसार जायद की फसल में एक लाख 15 हजार हेक्टेयर, खरीफ की फसल में 7.38 लाख हेक्टेयर की बुवाई हुई थी, किसान मक्का की खेती इसलिए भी ज्यादा कर रहे हैं क्योंकि मक्का बेचने के लिए किसानों को कहीं भटकना नहीं पड़ता है, इस फसल में नुकसान होने की सम्भावना बहुत कम होती है।”

हरदोई ही नहीं उत्तर प्रदेश के कई जिले जहां मक्का की खेती ज्यादा संख्या में होती है जिसमें मुख्य रूप से बलिया, बहराइच, कन्नौज, बाराबंकी, गोंडा, हरदोई, जौनपुर, इटावा, अलीगढ़, फरुखाबाद जैसे कई जिले शामिल हैं।

हर साल मक्का की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है इसकी मुख्य वजह हैं किसानो को इसे बेचने के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता है, मक्का की फसल में नुकसान होने की सम्भावना कम होती है।
डॉक्टर विनोद यादव, कृषि अधिकारी , हरदोई

मक्का बीज वितरक अनिल कुमार गुप्ता का कहना है, “फरवरी माह में बोई जानी वाली मक्का में पिछले वर्ष 40 प्रतिशत बीज की बिक्री ज्यादा हुई जबकि रवि की फसल में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।”

भरावन ब्लॉक के बहुती गाँव के किसान सुरेश मिश्रा का कहना है, “मक्का की मंडी हरदोई और माधवगंज में हैं हमे मक्का को बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ता है, मक्का साल में तीन बार रवि, जायद और खरीफ की फसल हम लेते हैं।

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