सरकारी अस्पतालों में बढ़ेगी प्रसूताओं की संख्या

Update: 2017-02-02 11:04 GMT
बजट में हुई घोषणा के दौरान अब देश के सभी 640 जिलों को इस योजना में शामिल किये जाने की तैयारी होगी।

नीतू सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। बसंत पंचमी को वित्त मंत्री द्वारा घोषित बजट गर्भवती महिलाओं के लिए खुशियों की सौगात लाया है। सरकारी अस्पताल में प्रसव के दौरान दो बच्चों के जन्म तक हर गर्भवती महिला के खाते में सीधे 6,000 रुपये दिए जायेंगे। इस योजना से ये उम्मीद जतायी जा रही है कि इससे मातृत्व मृत्यु दर में कमी आयेगी।

वहीं, बजट के आने के बाद इस बारे में कानपुर देहात की 27 वर्षीय आकांक्षा कहती हैं कि “पिछले आठ महीने पहले सरकारी अस्पताल में हमने एक बच्चे को जन्म दिया था, मगर अभी तक पैसा नहीं मिला। अगर समय से पैसा मिल जाता तो उस दौरान इस रुपये का सही उपयोग किया जाता। मगर बाद में पैसा आने पर यह पैसा घरेलू कामों पर ही खर्च होता है।”

बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी चिन्हित गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6000 रुपये मातृत्व लाभ पाने का हक है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार कुछ जिलों में प्रायोगिक तौर पर ये योजना चला रही थी। बजट में हुई घोषणा के दौरान अब देश के सभी 640 जिलों को इस योजना में शामिल किये जाने की तैयारी होगी।

इससे पहले बीते साल 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्भवती महिलाओं के लिए बैंक खातों में 6,000 रुपये सीधे जमा किए जाने की घोषणा की थी| भारत में सालाना 2.6 करोड़ महिलाएं गर्भवती होती हैं और इस आधार पर योजना के खजाने से सालाना 16,000 करोड़ रुपए का खर्च बढ़ जायेगा। औरैया जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद सागर बजट घोषणा के बाद बताते हैं, “गर्भवती महिलाओं को 6,000 रुपये देना एक महत्वाकांक्षी योजना है। इससे मृत्यु दर कम होगी।

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