ज़्यादा आयात घरेलू दाल खरीद पर डाल रहा असर

Update: 2017-02-26 13:50 GMT
भारत में दलहन के बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए सरकार लगातार विदेशों से दाल आयात कर रही है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पांडेयगंज गल्ला मंडी में पिछले 12 वर्षों से दाल का व्यापार कर रहे गौतम अग्रवाल (46 वर्ष) अधिकतर दूसरे प्रदेशों से आने वाली दालों का स्टॉक रखते हैं। शगुन ट्रेडर्स नाम से थोक खरीद केंद्र चला रहे गौतम के पास रोज़ाना कई जिलों से भी दाल बेचने के लिए किसान आते हैं, पर इस समय दाल का स्टॉक भरा होने के कारण उन्होंने थोड़े दिनों के लिए दाल खरीद बंद कर दी है।

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गौतम बताते हैं, ‘’हमारे पास मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात की दालों का स्टॉक है। सरकार ने दाल खरीद के लिए मंडी के व्यापारियों को 20 प्रतिशत सरकारी दालों से स्टॉक भरने का नियम बनाया है। सरकारी दालों में ज़्यादातर विदेशी अरहर और मूंग दालों की खरीद होती है।’’

भारत में दलहन के बफर स्टॉक को पूरा करने के लिए सरकार लगातार विदेशों से दाल आयात कर रही है, जिससे भारतीय दाल खरीद बाज़ारों में पल्स फ्लडिंग की समस्या शुरू हो गई है। इससे दाल की घरेलू खरीद पर असर पड़ रहा है।

पिछले दो वर्षों से देश के दलहनी बाज़ार में पल्स फ्लडिंग की समस्या बढ़ गई है। इससे देश में दालों के बाज़ार में अचानक विदेशी दालों के आ जाने से मंडियों में दाल बहुत अधिक हो जाती है। इसकी वजह से देश के किसानों की दाल कम रेट पर ली जाती है।
डॉ. मनोज कटियार, कृषि वैज्ञानिक (दलहन), चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर 

कृषि मंत्रालय भारत सरकार के मुताबिक मौजूदा समय में भारत में कुल 971 सरकारी खरीद केंद्र हैं। इनमें से 514 खरीद केंद्रों पर अरहर की खरीद, 269 केंद्रों पर मूंग व 188 केंद्रों पर उर्द दाल की खरीद की जाती है। भारत में सालाना दालों का औसतन आयात 30 से 35 लाख टन होता है। डॉ. मनोज कटियार ने आगे बताया कि “भारत में पल्स फ्लडिंग की समस्या को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए देश भर में दालों के लिए नए खरीद केंद्र बनाए जाएंगे, जहां पर मुख्य रूप से विदेशी दालों का कारोबार होगा। इससे साधारण मंडियों में किसानों की लोकल आवक बढ़ सकेगी और पल्स फ्लडिंग भी कम होगी। देश में पल्स फ्लडिंग की वजह से अरहर की खेती कर रहे किसानों को अधिक नुकसान होता है।’’

विदेशी दालों के भंडारण पर हो नियंत्रण

मंडियों में पल्स फ्लडिंग की समस्या से उबरने के लिए सरकार को सुझाव देते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. राधे श्याम सिंह बताते हैं, ‘’मंडियों में पल्स फ्लडिंग समस्या को कम करने के लिए सरकार को मंडियों में विदेशी दालों का भंडारण तब करना चाहिए, जब मंडियों में किसी खास किस्म की दालों की कमी हो गई हो। उदाहरण के तौर पर इस समय मंडियों में अरहर कम मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए सरकार को इस समय मंडियों में विदेशी अरहर के भंडारण पर ज़ोर देना चाहिए।’’

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