जनसेवा केंद्रों पर पंजीकरण के नाम पर ग्रामीणों से वसूली

Update: 2017-01-15 12:14 GMT
खतौनी निकलवाने और किसान पंजीकरण का ले रहे अधिक रुपया।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। गाँवों में खोले गए जनसेवा केंद्रों में पंजीकरण के नाम पर ग्रामीणों से निर्धारित दर से दो से तीन गुना ज्यादा रकम वसूली जा रही है।

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गोसाईगंज ब्लॉक के रुदही गाँव की रहने वाली महेश्वरी देवी (56 वर्ष) बताती हैं, “जनसेवा केंद्र पर आधार कार्ड बनवाने के लिए 60 रुपए फीस देनी होती है। खतौनी जानने के लिए 10 रुपये लगते हैं। एक-दो दुकानें होने की वजह से वे कुछ रुपया कम भी नहीं करते। मजबूरी में हमें उनके मुताबिक, भुगतान करना पड़ता है।”

किसान पंजीकरण के लिए हमने अपने कर्मचारियों को तैनात किया है जो नि:शुल्क पंजीकरण कर रहे हैं। फिर भी कई केंद्रों पर फीस ज्यादा ली जा रही है।
डीपी सिंह, उपनिदेशक जिला कृषि विभाग

बता दें कि जनसेवा केंद्रों में आधार कार्ड का बॉयोमीट्रिक अपडेशन शुल्क 15 रुपये तथा अन्य ऑनलाइन पंजीकरण का शुल्क 20 रुपए निर्धारित है। वहीं, पेंशन, राशन कार्ड, छात्रवृत्ति, जाति, आय, बीज व कृषियंत्र जैसी दर्जनों योजनाओं के लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। मगर जमीनी हक़ीक़त यह है कि इन केंद्रों पर पंजीकरण के नाम पर 50 रुपए से कम नहीं लिया जाता है। यही नहीं आधार कार्ड बनवाने के नाम पर 50 से 100 रुपए तक लिए जाते हैं।

किए गए भुगतान के एवज में ग्रामीणों को रसीद भी नहीं दी जाती और न ही निर्धारित मूल्य का कहीं उल्लेख किया जाता है। प्रदेश भर में खुले जनसेवा केंद्रों पर ऐसे ही वसूली की जा रही है।

वहीं, बाराबंकी के विशुनपुर स्थित जनसेवा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन के लिए कई गुना ज्यादा वसूली की जा रही है। ग्रामीण लालजी जायसवाल ने बताया कि उन्हें अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना था। केंद्र संचालक ने इसके लिए उनसे 100 रुपए ले लिए। बक्शी का ब्लॉक के पास स्थित जनसेवा केंद्रों के अलावा पास-पड़ोस के कस्बों और गाँवों में भी स्थिति पाई गई।

वहीं, विशुनपुर में जनसेवा केंद्र चला रहे विनीत यादव ने बताया, “मैं किसान पंजीकरण के लिए 40, जाति प्रामाण पत्र के 100 और खतौनी जांचने के लिए 20 रुपए लेता हूं। रसीद उसी को देता हूं जो उसकी मांग करता है।” वहीं, जनसेवा केंद्र गोसाईगंज के संचालक विवेक से जब नि:शुल्क पंजीकरण कराने की बात कही गई तो वे बोले, “काम करेंगे तो रुपया भी लेंगे। किसान पंजीकरण के 50 रुपए ही लगते हैं।” आधार कार्ड के लिए रुपया लेने पर सवाल किया गया तो जवाब मिला, “फ्रेंचाइजी कंपनी उन्हें आधार कार्ड के बदले रुपए का भुगतान नहीं कर रही है। इस कारण आधार कार्ड बनाने के लिए लोगों से रुपए लिए जाते हैं।”

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