शौचालय बनवाने पर विधवा को बुरी तरह पीटा

Update: 2017-01-17 16:19 GMT
गाजीपुर के नन्दूगंज गाँव का मामला, आशा ज्योति केंद्र पर मिला इलाज।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। अपनी ही जमीन पर शौचालय बनवाना विधवा सुमन को उस वक्त महंगा पड़ा, जब उसकी जेठानी और उसके लड़कों ने शौचालय बनवाने को लेकर उसको बेरहमी से पीटा। आशा ज्योति केंद्र पर जब उसकी बहन ने फोन करके मामला बताया तो सुमन का इलाज हो सका और शौचालय भी बन सका।

खुले में शौच रोकने के लिए केंद्र सरकार गाँवों में शौचालय बनवाने के काम पर जुटी हुई है। इसके लिए 12 हजार की राशि दो किश्त में सरकार द्वारा लाभार्थी को दी जाती है। मामला गाजीपुर का है। जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर थाना नन्दूगंज गाँव इमलिया की रहने वाली सुमन राय (35 वर्ष) बताती है, "गाँव में शौच जाने के लिए बाग और खेत में बहुत दूर जाना पड़ता था। कई बार टोका-टोकी भी होती थी। सरकार द्वारा दी गई धनराशि से अपनी जमीन पर शौचालय बनवा रहे थे। तभी मेरे जेठ लड़ाई करने लगे और काम रोकने लगे। मना करने पर उनके लड़के ने मुझे मारना शुरू कर दिया।"

सुमन के पति का निधन एक साल पहले हो गया था और उसके तीन बच्चे हैं। सुमन ने बताया, "उन लोगों ने कहा कि तुम यहां शौचालय नहीं बना सकती हो। हमने कहा कि जमीन मेरी और शौचालय यहीं बनेगा तो पानी निकासी के लिए मना कर रहे थे। हमने शौचालय का काम नहीं रोका तब हमको मारने लगे। कोई बचाने तक नहीं आया।"

सुमन बताती हैं, "मामले की शिकायत लेकर जब मैं और मेरी बहन थाने गई तो वहां किसी ने हमारी सहायता नहीं की। इसके बाद मेरी बहन ने 181 हेल्पलाइन नम्बर पर मामले जानकारी दी और वही से टीम ने आकर सहायता की और एंबुलेंस को फोन करके मुझे वाराणसी में भर्ती कराया। वाराणसी अस्पताल में आशा ज्योति की टीम ने इलाज करवाया और जमीन की नाप करवा कर शौचालय का निर्माण करवाया।"

आशा ज्योती केन्द्र की कार्यकत्री फलक बताती हैं, ''जब मेरे पास फोन आया तो हमने एम्बुलेंस पर कॉल करी और उसको इलाज करने के लिए अस्पताल ले गये थोड़ा ठीक होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवा कर, भूमि की नाप करवाई और शौचालय का निर्माण करवाया।''

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