नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा राहत निधि के तहत सूखा राहत के लिए उत्तर प्रदेश को 1,304 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। राज्य सरकार ये राहत राशि किसानों के बैंक खातों में एक हफ्ते के भीतर सीधे जमा करायेगी। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने बैठक में सूचित किया कि बुंदेलखंड क्षेत्र विशेष तौर पर चित्रकूट मंडल के महोबा, चित्रकूट और बांदा जिलों में पेयजल की स्थिति के समाधान के लिए एक विस्तृत आकस्मिक योजना तैयार है।
उन्होंने पेयजल की उपलब्धता का आश्वासन भी दिया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बुंदेलखंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के अंतर्गत कार्यदिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने की भी मंज़ूरी दी गई है।
राज्य सरकार एमएनआरईजीएस के श्रम खंड के अंतर्गत योग्य लोगों को इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली के द्वारा 700 करोड़ रुपए का वितरण सुनिश्चित करेगी। बैठक के दौरान पहले के बुंदेलखंड पैकेज का क्रियान्यवन कार्यसूची में प्राथमिकता में था। नीति आयोग द्वारा 31 मार्च को उत्तर प्रदेश में जारी योजनाओं के लिए प्रतिबद्ध उत्तरदायित्व के लिए एक बार राहत के रूप में 264 करोड़ रुपए को अनुमति प्रदान की गई थी।
इस बात पर सहमति व्यक्त की गई थी कि राज्य सरकार 37 पेयजल योजनाओं को पूर्ण करने और पैकेज के अंतर्गत निर्मित भंडार विपणन आधारभूत ढांचे के बेहतर इस्तेमाल को भी सुनिश्चित करेगी। बुंदेलखंड के लिए विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के अंतर्गत पेयजल टैंक, कुंओं और तालाबों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य सरकार के साथ विचारविमर्श कर बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए पैकेज के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से सूखा रोधी कार्यक्रम के लिए नई परियोजनाओं की संभावनाओं का पता लगाएगें। तिल बुंदेलखंड क्षेत्र में खरीफ की सबसे महत्वपूर्ण फसल है। वर्ष 2016-17 के लिए तिल के लिए एमएसपी की घोषणा जल्द की जाएगी। बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एमएसपी से 20 रुपए अधिक के बोनस पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार कृषि सचिव के साथ विचारविमर्श के बाद तिल की खरीद के लिए योजना को अंतिम रूप देगी। बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत नई उपयोजना का शुभांरभ करने के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी।