खेती चौपट करने के बाद बुंदेलखंड में हादसों की वजह बन रहे हैं अन्ना पशु

Update: 2016-10-07 20:10 GMT
बुंदेलखंड में सड़कों पर आवारा घूमते अन्ना पशु

भानूमति- कम्यूनिटी जर्नलिस्ट बीए, उम्र 21 वर्ष

छत्रपति साहू जी महिला महाविद्यालय, कर्वी, चित्रकूट

कर्वी (चित्रकूट)। बुंदेलखंड के कई जिलों में खेती चौपट करने के बाद आवारा पशु (अऩ्ना) अब लोगों का जीना मुश्किल कर रहे हैं। खेतों में आतंक मचाने के बाद ये पशु अब सड़कों और चौराहों पर भी डेरा डालने लगे हैं, जिससे लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।

चित्रकूट जिले में कर्वी ब्लॉक के रहने वाले राहुल सिंह (28 वर्ष) अगस्त महीने में एक गाय को बचाने में सड़क पर गिर गए। इससे उनके पैर की हड्डी टूट गयी।

सुबह से शाम तक सड़कों पर इतने आंवारा पशु एकत्रित हो जाते हैं, कि चलना मुश्किल हो जाता है। गायों का झुंड पूरी सड़क पर इकट्ठा रहता है। उस दिन भी गाय को बचाने एक्सीडेन्ट हो गया।
राहुल सिंह, कर्वी- चित्रकूट

शहर के अलावा लगभग सभी गाँवों में भी यह समस्या है। शाम होते ही किसी भी सड़क पर निकलो हर जगह गाय बैठी मिलती हैं। चित्रकूट जिले में हर दिन आठ-दस हादसे हो रहे हैं। कर्वी के ही पुष्पकार द्विवेदी कहते हैं, "चित्रकूट में कई गोशाला हैं, जिनमें अन्ना पशुओं को रखा जाता है, लेकिन अब इतने ज्यादा पशु हो गए हैं कि सड़क पर ही घूमते रहते हैं। लोग अपने गाँव से भगाते हैं, तो वो दूसरे गाँव में चले जाते हैं।

गांव के किसान भगा देते हैं तो ये कस्बों और शहरों में आकर लोगों को परेशान करते हैं। बांदा, महोबा, ललितपुर और चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के लगभग हर इलाके में लोग इऩसे परेशान हैं। कई जिलों में प्रशासन ने कवायदें भी की हैं लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही हैं। लोगों का कहना है जब तक इन्हें किसानों के काम का नहीं बनाया जाएगा ये प्रथा बंद नहीं हो पाएगी। यूपीए सरकार में बुंदेलखंड पैकेज में भी पशुओं की नस्ल सुधार के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे लेकिन जमीन पर उसका असर नहीं दिखता।

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