गांव कनेक्शन थीम सांग : बातें करते सीधी सच्ची और अम्बियां खाते हैं कच्ची …

Update: 2019-12-02 06:43 GMT

भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया हाउस गांव कनेक्शन 7 साल का हो गया है। गांव कनेक्शन की स्थापना साल 2012 में देश के चहेते किस्सागो, गीतकार, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार नीलेश मिसरा ने शुरु किया था. गांव कनेक्शन अब video first संस्थान है। गांव कनेक्शन यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत देश के ज्यादातर हिंदी भाषी राज्यों में पहुंच बना चुका है। हमारी कोशिश है, जल्द पूरे भारत के ग्रामीण मुद्दों को गांव कनेक्शन के जरिए आवाज दी जाए। 

गांव कनेक्शन के स्थापना दिवस पर आज सुनिए गांव कनेक्शन का थीम सांग... 

बातें करते सीधी सच्ची, और अम्बियां खाते हैं कच्ची …

चलें हाईवे पे फर्राटे से …

चलें हाईवे पे फर्राटे से, पगडंडी भी लगे अच्छी

चौपाल में बोले है बिटवा, हम सीखेंगे इनटर्नेटवा….

हां हमरी ये रंगबाजी है, हां हम में थोड़ी ऐंठन है

अपना गाँव कनेक्शन है

अपना गाँव कनेक्शन है

Full View

के अपना गाँव कनेक्शन है रे अपना गाँव कनेक्शन है

अब मोबाइल चमकाते हैं, अब एसएमएस भी करते हैं

अब चाउमीन डोसा चलता है, अब चाट-मटर पे मरते हैं

केबल टीवी पे अम्मा को, अब गाना भी दिखलाते हैं

पर चैती होरी में झूमें, सोहर बन्ना भी गाते हैं

केबल टीवी पे अम्मा को, अब गाना भी दिखलाते हैं

पर चैती होरी में झूमें, सोहर बन्ना भी गाते हैं

हाँ बदल रहा है रहन-सहन, पर अब भी वो सादा मन है

अपना गाँव कनेक्शन है …

के अपना गाँव कनेक्शन है रे अपना गाँव कनेक्शन है

खेती तो अपने खून में है, पर संग-संग आगे बढ़ना है

मास्टरी डाक्टरी बीएससी, हमें आईएस भी पढ़ना है

दीदी है तेज पढ़ाई में, करती चौका दिया बाती

लेकिन भोंहें सजवाने को, ब्यूटी पारलर भी है जाती

दीदी है तेज पढ़ाई में, करती चौका दिया बाती

लेकिन भोंहें सजवाने को, ब्यूटी पारलर भी है जाती

क्यूँ सपने बड़े ना हम देखें, किस बात का हमको टेंसन है?

गाँव कनेक्शन है अपना गाँव कनेक्शन है

के अपना गाँव कनेक्शन है रे अपना गाँव कनेक्शन है़।

ये भी पढ़ें -

ग्रामीण भारत की धड़कन बनता गाँव कनेक्शन : अरविंद कुमार सिंह

पत्रकारिता के जरिए गांव को सामने ला रहा है 'गांव कनेक्शन' : पंकज त्रिपाठी

पढ़िए रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित स्टोरी : तीन लड़कियां

आप अगर संकल्प कर लें तो पत्रकारिता में एक नई तरह की पत्रकारिता कर सकते हैं : राजदीप सरदेसाई


Similar News