सूखकर गिर रहे हैं नींबू के फल तो करें ये उपाय

Update: 2016-10-09 19:45 GMT
नींबू का पेड़

सवाल-मैंने नींबू की बाग लगायी है, इस बार अच्छे फल भी आए हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें रोग लग गया है। नींबू के फल सूखकर गिरे जा रहे हैं।

मोहम्मद मुकर्रम, सिहोरी कचर, कौशांबी

जवाब- यह बरसात के मौसम में होने वाला सबसे गम्भीर रोग है। यह रोग जैन्थोमोनास कॉम्पेस्ट्रिस पैथोवार सिट्राई नामाक जीवाणु द्वारा होता है। यह रोग सभी प्रकार के नींबू वर्गीय फसलों को ग्रसित करता है। इस रोग के लक्षण पत्तियों, शाखाओं, फलों एवं डण्ठल पर दिखाई देते हैं। कैंकर रोग के लक्षण शुरू में पीले धब्बों के रूप में प्रकट होते है जो निरन्तर बढ़ते हुये कठोर, भूरे रंग के उभरे हुये छालों में बदल जाते है। ये छालें एक विशेष प्रकार के पीले घेरे से घिरे होते है। कैंकर के ये छालें फलों के छिलके तक ही सीमित रह जाते है और इसके गुद्दे को नही भेद पाते है। कैंकर रोग से ग्रसित फलों का बाजार मूल्य बहुत ही गिर जाता है। इसके कारण किसान भाईयों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

रोग का प्रबन्धनः

रोग से ग्रसित सभी टहनियों एवं शाखाओं को मानसून से पहले काट छांट करके जला देना चाहिये और शाखाओं के कटे हुये सिरो को बोर्ड़ो पेस्ट से लेप करने से रोग फैलने से बचाया जा सकता है।100 पी. पी. एम. स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (10 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन+ 5 ग्राम कॉपर सल्फेट 100 लीटर में मिलाकर) अथवा ब्लाइटॉक्स (0.3%) अथवा नीम की खली का घोल (1 किलोग्राम 20 लीटर पानी में) फरवरी, अक्टूबर एवं दिसम्बर के समय प्रयोग करने से रोग का प्रभावी नियन्त्रण होता है। मैन्कोजैब का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करने से रोग की अच्छी रोकथाम होती है।

डॉ. राजीव कुमार सिंह, बागवानी विशेषज्ञ

कृषि विज्ञान केन्द्र, बलिया

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