435 बच्चे कभी नहीं गए स्कूल

Update: 2017-08-04 17:15 GMT
जिले में 435 बच्चे ऐसे पाए गए जो कभी भी स्कूल नहीं गए।

तरूण अग्रवाल, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

माछरा( मेरठ)। आउट आफ स्कूल बच्चों की खोजबीन के लिए काफी समय से चल रहा बेसिक शिक्षा विभाग का सर्वे आखिर पूरा हो गया। जिले में 435 बच्चे ऐसे पाए गए जो कभी भी स्कूल नहीं गए। इसके बाद उन बच्चों के दाखिले की कवायद शुरू की गई है। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को बच्चों के एडमीशन का निर्देश जारी किया गया है।

ऐसे चला सर्वे

बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल न जाने वाले बच्चों की खोजबीन करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद आउट आफ स्कूल बच्चों को चिंहित करने का जिम्मा शिक्षकों को दिया गया था। इसमें प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के लिए अपने स्कूल क्षेत्र के एक किमी का दायरा और उच्च प्राथमिक के शिक्षकों को स्कूल क्षेत्र के तीन किमी का दायरा निश्चित किया गया था। यह कार्य अप्रैल में शुरू करके जून में पूरा करने का निर्देश दिया गया था। लेटलतीफी के चलते आखिर अगस्त प्रथम सप्ताह में शिक्षकों ने विभाग को रिपोर्ट सौंप दी।

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अभिभावक भी जिम्मेदार

बच्चों के स्कूल न जाने की पीछे अभिभावक भी बड़ा कारण बनकर सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार परिवार की रोजी रोटी चलाने के लिए कई बच्चों के अभिभावकों ने उन्हे काम पर लगाए रखा। इसमें कई बार स्कूल शिक्षकों की ओर से उनका दाखिला कराने की कोशिश भी बेकार साबित हुई। सर्वे में कुछ बच्चे ऐसे भी सामने आए जो 6 से 8 वर्ष की आयु में कुछ दिन स्कूल जाने के बाद फिर स्कूल की तरफ नहीं मुडे। इनमें ज्यादातर का नामांकन भी नहीं हो पाया था। गिने-चुने जिन बच्चों के नामांकन हुए उन्हे भी कैंसिल करना पड़ा। कार्यालय के अनुसार जिले में 435 बच्चे आउट आफ स्कूल मिले हैं।

इस मामले में बीएसए सतेन्द्र कुमार ढाका बताते हैं, “ऐसे सभी बच्चों के प्रवेश के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को बोला गया है। ताकि कोई बच्चा बिना पढे रह न पाए।”

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