बिजली बिल के नाम पर खेल, उपभोक्ता परेशान 

Update: 2017-06-15 10:52 GMT
विभाग द्वारा समय से बिल नहीं भेजा जाता है जिसके कारण उपभोक्ताओं को परेशानी होती है।

अजय यादव, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर तेजी से काम शुरू कर दिया। प्रदेश में चरमराई विद्युत व्यवस्था को भी सुधारने के सख्त निर्देश दे दिए थे। हालांकि उनके निर्देशों का पालन जमीन पर होता नहीं दिख रहा है। अधिकारियों की सरपरस्ती में बिचौलिए उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं।

नवाबगंज कस्बा में रहने वाली शीला गुप्ता पत्नी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने दिसम्बर 2016 में नया घरेलू कनेक्शन लिया था। जिनका छह महीने बीतने के बाद भी विभाग ने बिल नहीं जारी किया। जानकारी करने पर पता चला कि डेटा भेजा जा चुका है। तकनीकी खराबी के चलते नहीं पहुंचा है।

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वहीं उपभोक्ता शीला गुप्ता ने बताया, “ऐसा ही पिछले कनेक्शन में विभाग ने किया था। तब बिचौलियों से मिलकर बिल सही कराया था।” इसी तरह कस्बा निवासी राधादेवी का आरोप है कि उन्होंने विद्युत कनेक्शन जुलाई 2016 को कराया था। एक साल बीतने के बाद भी विभाग ने इनका बिल जारी नहीं किया। वर्षों बाद मिलने वाले बिल में हजारों रुपए की राशि लगी होती है। जिसे हर उपभोक्ता अदा करने का सामर्थ्य नहीं रखता है।

ऐसे हालात में दलाल की शरण में पहुंचना पड़ता है। कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद पक्षी विहार के समीप बने विद्युत सब स्टेशन पर दर्जनों की संख्या में दलाल इधर से उधर घूमते नजर आते हैं। बिचौलियों की बढ़ती सक्रियता पर जब जेई अरविंद गौतम से बात की गई तो उन्होंने बताया, “किसी भी उपभोक्ता को बिचौलियों से संपर्क करने की जरूरत नहीं है। वह सीधे तौर पर आकर मुझसे मिले।”

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