नकली दवाओं से बर्बाद हो रही फसल

Update: 2016-11-25 18:43 GMT
फोटो साभार: गूगल।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: कीर्ति राजपूत (15 वर्ष)

एसएसपी इंटर कॉलेज, तिर्वा-कन्नौज

तिर्वा/कन्नौज। बाजार में कई जगह फसलों में रोग से बचने के नाम पर नकली दवाओं का कारोबार खूब फलफूल रहा है। इससे किसानों की फसलें तो बेकार हो रही हैं, उनकी मेहनत पर भी पानी फिर रहा है।

चार हजार रुपये की दवा खरीदी

ब्लॉक उमर्दा क्षेत्र के कन्हैईपुर्वा निवासी 45 वर्षीय किसान रामअवतार ने बताया कि उन्होंने पांच बीघा खेत में आलू की फसल बोई थी। बाद में फसल जब उगी तो उसमें कीट-पतंगी लगने लगी। उससे बचने के लिए एक निजी दुकान से चार हजार रूपये की दवा खरीद कर छिड़काव किया, इसके बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। धीरे-धीरे फसल में रोग बढ़ गया।

12 हजार का किसान को हुआ नुकसान

रामअवतार आगे बताते हैं कि करीब 12 हजार रूपये इसमें खर्च हो गया। उनकी मेहनत और मजदूरी भी चली गई। दूसरी फसल करने से भी वंचित रह गए। फसल में जो फायदा होता वह भी चला गया। उन्होंने आगे बताया कि बाजार में नकली दवाओं का गोरखधंधा खूब चल रहा है। अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे कई किसानों का आर्थिक नुकसान होता है। किसान मेहनत करने के बाद भी घाटे में चला जाता है। उन्होंने बताया कि अभियान चलाकर दवा विक्रेताओं की गहनता से जांच की जाए। नकली दवा बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और उनका लाइसेंस निरस्त किया जाए।

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