पानी न आने से परेशान किसान, कैसे डाले धान की नर्सरी

Update: 2017-06-14 18:43 GMT
सूखा माइनर।

विनय सोनी

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

अजीतमल/औरैया। विकास खंड अजीतमल क्षेत्र के माइनरों में भोगनीपुर प्रखंड नहर और सेंगर नदी से पानी आता है। धान की नर्सरी डालने का समय चल रहा है लेकिन माइनरों में पानी नहीं छोडा गया है। इससे क्षेत्र कि किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने डीएम ने माइनरों में पानी छोड़े जाने की गुहार लगाई है। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर गाँव उम्मेदपुर का हाल ये है कि यहां किसान माइनर के पानी से ही फसल उगाते हैं। जब कभी प्राइवेट नलकूप का सहारा लेना पड़ता है।

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सरकारी नलकूप क्षेत्र में नहीं हैं, इसलिए किसानों के सामने मुसीबत खड़ी है। धान की नर्सरी का समय चल रहा है लेकिन माइनर में पानी न आने से किसान पौध नहीं डाल पा रहे हैं। जिन खेतों में मक्के की बुआई करनी है उनकी बगैर पानी के पलेवा नहीं हो पा रही है। इसलिए मक्का की फसल में देरी हो रही है।

किसानों का कहना है कि इस बार पानी न आने से उरद, मूंग की फसल में काफी नुकसान हुआ है। पानी समय न आने के कारण फसल की लागत भी नहीं निकल पाई है। प्राईवेट नलकूप से पानी लगाने में अधिक पैसे चुकाने पड रहे है। क्षेत्र के किसानों ने जिलाधिकारी जय प्रकाश से नहरों का पानी माइनरों में छुडवाए जाने की गुहार लगाई है।

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उम्मेदपुर निवासी किसान पुत्र रोहित सिंह (25वर्ष) का कहना है “माइनर में पानी न छोडे जाने से धान की नर्सरी डालने में देरी हो रही है। प्राइवेट नलकूप से पानी लगाने में अधिक पैसा देना पड रहा है।”

मामला मेरे संज्ञान में है। माइनरों में पानी छोड़ने का आदेश दे दिया गया है। जल्द ही माइनरों में पानी आ जाएगा।
जय प्रकाश सागर, जिलाधिकारी

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