आलू के बदले मिल रहे किसानों को पुराने नोट 

Update: 2016-12-30 11:14 GMT
प्रतीकात्मक फोटो (साभार:गूगल)।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: सतेन्द्र सिंह ( 30 वर्ष)

फगुहा/कन्नौज। एक ओर तो आलू की सही कीमत किसानों को नहीं मिल रही है तो दूसरी ओर उनको पुराने नोट थमाए जा रहे हैं। मजबूरीवश किसानों को रूपये लेने पड़ रहे हैं। वहीं, नए नोट के चक्कर में उनको भुगतान आगे करने की बात कही जा रही है। अगेती नए आलू बिक्री करने के बाबत ‘गांव कनेक्शन‘ ने कुछ किसानों से बात की, जिसमें किसानों ने अपना दर्द यूं बयां किया।

तुरंत पैसे चाहिए तो मिलेंगे पुराने नोट

भारी संख्या में नोट पकड़े न जाएं, इसलिए अब भी आलू खरीदारों के पास पुराना नोटों का ढेर लगा है। यह स्थिति किसानों की समस्याओं को देखकर उभर रही है। नए नोट मांगने पर किसानों से कह दिया जाता है कि "अभी हैं नहीं, जब हों तब लेना। अगर तुरंत पैसे चाहिए तो पुराने नोट ही मिलेंगे।" उमरायपुर्वा गांव के किसान ब्रह्मानंद अपना आलू लेकर कानपुर बिक्री करने गए थे। 20 हजार की फसल बिक्री हुई, उसमें पांच हजार रूपये पुराने दे दिए गए। उन्होंने बताया कि कई किसान जानकारी के अभाव में तो कुछ मजबूरी में पुराने नोट ले रहे हैं। न लेने पर उधार कर दिया जाता है।

तो कहा, दस दिन बाद भुगतान लेना

वहीं, किसान ओमप्रकाश ने बताया कि उनको 25 हजार रूपये के पुराने नोट दिए गए हैं। सभी किसान क्रेडिट कार्ड खाते में जमा कर दिए। उन्होंने बताया कि जब आढ़त पर उन्होंने नए नोट मांगे तो कहा कि 10 दिन बाद भुगतान लेना। उन्होंने सोचा कि बैंक खाते में तो जमा हो ही रहे हैं तो केसीसी खाते में जमा कर दिए। किसानों का कहना है कि आढ़ती मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। व्यापारियों के पास रखे पुराने नोट इसी तरह से खत्म हो रहे हैं।

हर ओर किसान लगा रहे लाइन

एक किसान ने बताया कि पिछले साल इस समय 300 रूपये आलू का पैकेट बिक रहा था, लेकिन नोटबंदी के चक्कर में रेट भी कम है। किसान तो हर तरह से परेशान है। उसका शोषण किया जा रहा है। पहले भुगतान के लिए परेशान हों, फिर पुराने नोट लेकर बैंक में लाइन लगानी पड़ रही है। किसान रमेश का कहना है कि सहालग का समय है। किसान को रूपयों की जरूरत है। इसलिए पुराने नोट लेकर बैंक में जमा कर रहा है। किसान तो हर ओर लाइन लगा रहा है।

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