जौनपुर में खेतों की मिटटी में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी

Update: 2017-07-04 17:35 GMT
किसानों को मिटटी की जांच कराने के लिए किया जा रहा प्रेरित

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

जौनपुर। किसान अच्छी पैदावार चाहता है,तो उसे खेत की मिटटी के तत्वों की जांच समय-समय पर करानी चाहिए क्योंकि तत्वों की कमी के चलते इसका सीधा असरपैदावार पर पड़ता है। कृषि विभाग के आंकड़ो पर गौर करें तो जौनपुर जिले में अधिकतर जगहों पर मिटटी में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी है। इसलिए कृषि विभाग किसानोंको अपने खेत की मिटटी की जांच कराने के लिए प्रेरित कर रहा है।

अच्छी फसल के उत्पादन के लिए यह बहुत जरूरी है कि किसानों को यह पता हो कि खेत की मिटटी में किस तत्व की कमी है। बताते चलें कि इसी बात की जांच करने केलिए कृषि विभाग किसानों के खेत की मिटटी का नूमना मुफत में लेता है। कृषि विभाग मृदा की दो तरह से जांच करता है।

पहली जांच प्राथमिक पोषक तत्व की होती है, जो कृषि विभाग में ही हो जाती है। जबकि दूसरी जांच सूक्ष्य पोषक तत्व की होती है। यह जांच वाराणसी में कराई जाती है।दोनों जांच की रिपोर्ट आने के बाद किसानों को बताया जाता है कि उनके खेत की मिटटी में किस तत्व की कमी है।

इसके अलावा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड में किसानों को यह बताया जाता है कि वह अपने खेत की मिटटी में तत्वों की कमी को किस तरह सेदूर कर सकते हैं। कृषि विभाग के अनुसार जिले में नाइजट्रोजन और फास्फोरस की कमी है।

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जबकि पोटास समान्य है। जिले के धर्मापुर, बक्शा, करंजाकला, सिकरारा, सिरकोनी, मड़ियाहूं, रामनगर, रामपुर, बरसठी, केराकत, जलालपुर, मुफतीगंज, मछलीशहर,मुंगराबादशाहपुर, सुजानगंज,  बदलापुर, महराजगंज, शाहगंज, खुटहन, सुइथाकला ब्लॉक में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी है।

सुइकथाकला ब्लॉक के पटटीनरेंद्रपुर गाँव निवासी अरविंद पाल (40वर्ष) का कहना है,“ मृदा परीक्षण कराने पर पता चला है कि उनके खेत की मृदा में जरूरी तत्वों की कमीहै। इसको दूर करने के लिए जरूरी उपाय भी कृषि विभाग की ओर से बताए गए हैं, ताकि अच्छी पैदावार हो सके। ”

जिले की कृषि के इस्तेमाल में आने वाली भूमि में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी है। यह बात मृदा के लिए गए नमूनों में बात सामने आई है। किसानों को इसके लिएप्रेरित किया जा रहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपनी कृषि योग्य भूमि का परीक्षण कराएं, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके। अशोक कुमार उपाध्याय, कृषि उपनिदेशक, जौनपुर

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