समिति पर उपलब्ध नहीं खाद, किसान कैसे करें बुवाई

Update: 2016-11-08 19:05 GMT
खाद।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: अरुण मिश्रा

विशुनपुर (बाराबंकी)। देवा ब्लॉक के कई साधन सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध न होने की वजह से किसानों को प्राइवेट दुकानों से खाद लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। देवा ब्लॉक के रसूलपुर खत्तिबहार समिति पर इस समय कोई भी खाद उलब्ध नहीं है। समितियों से छोटे किसान ऋण पर खाद ले लेते थे, लेकिन समितियों पर किसानों का ज्यादा बकाया होने के कारण अब समितिया ने ऋण पर खाद देना बन्द कर दिया है, जिससे छोटे किसानों को परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।

सिर्फ एक सैकड़ा को ही मिली खाद

बाराबंकी के विकासखंड फतेहपुर की साधन सहकारी समिति रजौली में करीब तीन सैकड़ा किसान अंशधारक हैं। ज्यादातर किसान समिति से खाद ऋण लेकर फसलों की बुवाई करते हैं। रबी की फसल में यहां फिलहाल इतनी खाद ही आई है कि करीब एक सैकड़ा किसानों को ही खाद नसीब हो सकी। शेष किसान अभी भी खाद का इन्तजार कर रहे हैं। खाद के इन्तजार में किसानों की खेती पिछड़ रही है जिससे उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

तब नहों हो पाएगी समय से बुवाई

मोहम्मदपुर के मुरावनटोला निवासी हरीलाल मौर्य ने बताया, "मैंने करीब बीस दिन पहले खाद के लिए समिति पर अपने कागज जमा किये थे, लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली है।" वे आगे बताते हैं, "समिति से आठ-नौ बोरी खाद उधार मिल जाती थी जिससे आसानी से रबी की खेती हो जाती थी, लेकिन इस बार समय पर खाद नहीं मिल सकी है जिससे बुवाई समय पर न हो पाने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है।"

बड़ी संख्या में किसानों को नहीं मिली खाद

किसान लक्ष्मीकांत मिश्रा बताते हैं, "बीच-बीच में समिति पर खाद आई, लेकिन छोटे किसानों को खाद नसीब नहीं हो सकी है। जिससे दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। कई और किसान भी समिति पर खाद उपलब्ध न होने से परेशान हैं।"

क्या कहते हैं जिम्मेदार

समिति के सचिव रमेश कुमार ने बताया, "समिति की कम वसूली के चलते आरकेबीआई के तहत खाद का आवंटन समय पर नहीं हो पा रहा है। करीब एक सप्ताह पहले से खाद के लिए चेक लगी है। खाद मिलते ही किसानों को वितरित कर दी जायेगी।" उन्होंने आगे बताया, "अगर समय पर खाद नहीं मिलती है तो किसानों को सहकारी बैंक से नकद धन दिलाकर खाद उपलब्ध कराई जायेगी। समय पर खाद उपलब्ध न होने के कारण आलू की बुवाई पिछड़ गयी है जिससे आलू के पैदावार पर भी प्रभाव पड़ सकता है।"

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