अब जान जोखिम में डालकर बच्चे नहीं जाएंगे विद्यालय, चौका नदी पर बनेगा पुल

Update: 2017-02-26 15:25 GMT
अभी कुछ ऐसे नदी पार करके स्कूल जाते हैं बच्चे।फोटो: गाँव कनेक्शन

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बाराबंकी। अब जिले के तीन गाँवों गोडियनपुरवा, घनवलिया और महमतियनपुरवा की ढाई हजार आबादी को जान जोखिम में डालकर नदी नहीं पार करनी पड़ेगी। गाँव कनेक्शन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद सरकार ने नदी के दोनों तरफ पुल बनवाने की तैयारी शुरू कर दी है।

राजधानी लखनऊ से करीब 75 किलोमीटर दूर बाराबंकी जिले के सूरतगंज विकासखंड के तीन गाँवों गोडियनपुरवा, घनवलिया और महमतियनपुरवा दो तरफ से नदियों से घिरे हैं। घाघरा की सहायक नदियां कही जाने वाली चौका और चौरारी ने इन गाँवों के करीब ढाई हजार लोगों की जिंदगी को बांध दिया है। नदी पार करने के लिए न तो पुल है न वो सड़क जिस पर चलकर विकास की बयार गाँव तक पहुंचती। सबसे ज्यादा परेशानी यहां के बच्चों को स्कूल जाने में होती है। यहां के रहने वाले छात्र अजय (14 वर्ष) ने बताया, “हर रोज कोई एक बड़ा बच्चा सुबह-सुबह नदी पार कर उस किनारे से नाव लाता है। फिर उसमें सब बच्चे बैठते हैं और नदी पार करके स्कूल जाते हैं।”

छेदा के आगे चौकानदी में बनेगा पुल। 

गाँव कनेक्शन को धन्यवाद देते हुए अजय ने बताया कि हम लोग अन्नपूर्णा शिशु मंदिर में पढ़ते हैं जो नदी पार है। रोज आने-जाने में हमें ये ही प्रक्रिया अपनानी पड़ती थी। वर्षों से हम ये समस्या झेल रहे थे लेकिन गाँव कनेक्शन ने हमारी समस्या को प्रकाशित किया जिसके बाद ही ये पहल हो पाई है। गांव के छात्रों ने गांव कनेक्शन के साथ सरकार और मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद कहा है।

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