गाँव में कोई नहीं जाएगा खुले में शौच, अब वॉर रूम से हो रही निगरानी

Update: 2016-11-03 17:34 GMT
जिले में भोर में गाँव-गाँव घूमते हैं समतियों के लोग और वॉर रूम से किया जाता है कंट्रोल।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: किशन कुमार

रायबरेली। जिले को पूरी तरह से शौच मुक्त बनाने का बीड़ा उठा चुके जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देश से गाँवों को भी शौच मुक्त बनाने के लिए अब वार रूम बनाया गया है। इस रूम में गाँवों को शौच मुक्त बनाने के लिए गाँवों में तैनात की गई निगरानी समितियां गतिविधियों की जानकारी रखती है।

तब वॉर रूम में शुरू होती है हलचल

ग्रामीण अंचलों को शौच मुक्त बनाने के लिए गाँव-गाँव में निगरानी समितियां बनाई गयी हैं, जो गाँव के लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस सारे अभियान पर नज़र रखने के लिए विकास भवन पंचायती राज विभाग में एक वार रूम बनाया गया है। इस कक्ष में हर सुबह चार बजे से ही गतिविधियां शुरू हो जाती हैं।

सीटी बजाकर करते हैं ग्रामीणों को सचेत

ग्रामीणों को समिति के लोग करते हैं सचेत।

वार रूम से जानकारी देते हुए कोआर्डिनेटर अभिनव बताते हैं,'' हमारी निगरानी समितियां सुबह चार बजे से ही गाँवों में सीटी बजाकर खुले में शौच जाने वालों को सचेत करती हैं और छोटे-छोटे गुटों में उनसे बातचीत करके उन्हें खुले में शौच जाने से मना करती हैं।'' वो आगे बताते हैं कि इस मौके की फोटो भी व्हाट्सएप के माध्यम से वार रूम में भेजी जाती हैं ताकि पता चल सके कि किस गाँव में क्या हो रहा है। सभी निगरानी समितियों का एक ग्रुप बनाया गया है, जिसे वार रूम से निर्देश दिए जाते हैं।

हम गाँवों में शौचालयों के निर्माण की ट्रेनिंग के लिए कार्यशाला भी कर रहे हैं, ताकि कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण शौचालय बनाए जा सकें।
संजय यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी

अभियान के मिल रहे हैं बेहतर नतीजे

डीएम स्तर पर चलाए जा रहे इस कदम को प्रभावी बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और प्रधानों की कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अभियान में आम लोगों की भागीदारी करके इसे आम लोगों का अभियान बनाया गया है और इससे बेहतर नतीजे भी मिल रहे हैं।

साल के अंत तक शौच मुक्त हो सकता है जिला

जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए प्राथमिकता से काम कर रहे रायबरेली जिले के डीएम अनुज कुमार झा बताते हैं,'' यह सारा अभियान स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चल रहा है। इसमें निरंतर गतिशीलता बनी रहे, इसके लिए ही हमने वाररूम बनाया है। वाररूम से हर समय हर गाँव हमारी नज़र में है। हमारी कोशिश है कि इस वर्ष के अंत तक पूरा जिला खुले में शौच मुक्त हो जाएगा।''

क्या कहते हैं निगरानी समितियों के सदस्य

महाराजगंज की निगरानी समिति की सदस्या रेखा श्रीवास्तव बताती हैं,'' हमें ट्रेनिंग में सिखाया गया है कि कैसे घर-घर में चेतना जगानी है कि अब खुले में कोई शौच नहीं जाएगा। इसके लिए हमारी टोलियां सुबह-सुबह ही गाँव में भ्रमण पर निकल जाती हैं और बाहर जाने वालों को रास्ते में ही रोक कर अपील करती हैं। इसके बाद गाँव में बैठक करके लोगों को जानकारी देते हैं।'' रेखा श्रीवास्तव की तरह ही इस अभियान में लगी संगीता दीक्षित, जीवन, योगेन्द्र, रामऔतार जैसे सदस्य भी मुस्तैदी से मिशन को अंजाम देने में लगे हैं।

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