अब बच्चों से पहले पढ़ेंगे अभिभावक

Update: 2017-07-03 21:23 GMT
बच्चों को घरेलू कार्यों के चलते विद्यालय छोड़ने से रोकने की पहल। फोटो- सांकेतिक 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। परिषदीय विद्यालयों में आउट ऑफ़ स्कूल में बच्चों से पहले उनके अभिभावकों को पढ़ाया जाएगा। बीआरसी पर कार्यक्रम आयेाजित करके अभिभावकों को शिक्षक समझाएंगे। इसके पीछे महकमें की मंशा बच्चों को घरेलू कार्यों के चलते विद्यालय छोड़ने से रोकना है।

बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों का सर्वे कराया जा रहा है। करीब महीने भर का समय बीत गया है। एक जुलाई तक जो बच्चे मिलेंगे उनका दाखिला परिषदीय स्कूल में कराया जाएगा। इसके लिए विभाग ने अलग से व्यवस्था बनाई है। आउट आॅफ स्कूल मिले बच्चों के अभिभावकों को बच्चे को शिक्षित करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके लिए विभाग ने आदेश जारी किया है।

इसमें अभिभावकों को समझाने के लिए बीआरसी पर कार्यक्रम करने को कहा है। इसमें विकास क्षेत्र के सभी अभिभावक सम्लित करने होंगे। मुख्य रुप से बच्चे को स्कूल समय से अलावा पढाई के लिए प्रयाप्त समय देने के लिए कहा जाएगा। अभिभावकों को समझाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक सर्वे में अभी तक अधिकतर ऐसे बच्चे मिले हैं, जिन्होने कुछ दिन स्कूल जाने के बाद स्कूल छोड़ दिया था।

शिक्षकों ने काफी दिनों तक इनके आने का इंतजार करने के बाद नामांकन विच्छेद किया था। आउट आॅफ स्कूल बच्चों की की ओसत आयू 10 से 14 साल के बीच है। चालू होने वाले सत्र में फिर किसी बच्चे को स्कूल न छोड़ना पडे इसी लिहाज से उनके अभिभावकों को समझाने की भी कोशिश है।

दस प्रतिशत बच्चों ने छोड़ दिया था स्कूल

पिछले वर्ष करीब 10 फिसदी बच्चे दाखिले के बाद स्कूल छोड़ गए थे। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की तादाद हर साल बढ़ती रहती है। इसमें सुधार के लिए ही विभाग ने नई पहल शुरू की है। बीएस इकबाल मौहम्मद, स्कूल छोड़ने वाले बच्चे कैसे पढ़ाई में बने रहे, इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है।

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