एक बस अड्डे को तरस गये बढ़नी के लोग, रोड पर खड़ी रहती हैं बसें

Update: 2016-11-06 18:43 GMT
रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क किनारे खड़ी रहती हैं बसें, लगता है लंबा जाम।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: दीनानाथ

बढ़नी (सिद्धार्थनगर)। यहां से हर दिन हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं, लेकिन बस अड्डा न होने से यात्रियों को परेशानी होती है। सिद्धार्थनगर के बढ़नी कस्बे के नेपाल बार्डर पर होने से यहां से दिल्ली लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, राजस्थान सहित भारत के अन्य महानगरों की यात्रा करते हैं। इतना ही नहीं, बढ़नी कस्बे से रोजाना हजारों की संख्या में यात्रियों को आना-जाना होता है। इसमें नेपाल के यात्रियों की संख्या सबसे अधिक होती है।

घंटो जाम में फंसे रहते हैं लोग

इसके बावजूद भी अभी यहां स्थाई बस अड्डे का निर्माण नहीं हुआ, जबकि यहां से सभी महानगरों के लिए सीधे बसों का संचालन होता है। बस अड्डे के न बनने से सारी बसें बढ़नी रेलवे स्टेशन के सामने ही खड़ी रहती हैं। इससे हर दिन लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना होता है।

कभी-कभी बस नहीं रोकते बस ड्राइवर

बढ़नी के रहने वाले रमेश मद्धेशिया (35 वर्ष) दिल्ली में नौकरी करते हैं। वो कहते हैं, "कई बार ऐसा होता है कि हमें बस पकड़नी पड़ती है, बस अड्डा न होने पर बस ड्राइवर बस ही नहीं रोकते है। दिन में तो ठीक रहता है, लेकिन रात में बहुत परेशानी होती है।"

यात्रियों की सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं

यहां पर यात्रियों की सुविधाओं के नाम कुछ भी मुहैया नहीं है। यात्री खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इन्तजार करते हैं। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी ठंड व बरसात के दिनों में होती है। यहां से निकलने वाली रोडवेज की बसें स्टेशन के सामने मुख्य मार्ग पर खड़ी होती हैं। जिससे पूरा कस्बा जाम का शिकार होता है। ऐसे में नेपाल जाने वालों ट्रैकों से स्थिति और विकट हो जाती हैं।

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