स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
जौनपुर। जिले भर में अलग-अलग वक्त में शुक्रवार शाम से हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर ला दी है। इसी के साथ किसानों ने दलहनी फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी तक जितनी बारिश हुई है। वह दलहनी फसलों के लिए बहुत ही मुफीद साबित होगी और पीली पड़ रही धान की नर्सरी के लिए भी यह पानी किसी वरदान से कम नहीं है।
मौसम विभाग ने जिस तरह का अनुमान लगाया था। मॉनसून कुछ दिनों देर से जरूर आया लेकिन इतनी देर से नहीं आया कि किसानों को कोई दिक्कत हो। जिले में किसान मॉनसून की पहली बारिश होने पर दलहनी फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं। इसमें खासतौर पर मक्का अरहर, उड़द और मूंग मुख्य रूप से शामिल है। कई इलाकों में तिल की भी फसल किसान लगाते हैं, जबकि पशुओं के चारा के लिए बाजरा भी लगाया जाता हैं।
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कृषि विभाग के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ संदीप कुमार के अनुसार,“किसानों के लिए शुक्रवार से शुरू हुई अलग—अलग इलाकों में हुई बारिश अच्छी है। क्योंकि जिले का किसान आमतौर पर 30 जून से 20 जुलाई के बीच दलहनी फसलों की बुआई करता है। इसकी बुवाई के लिए हल्की बारिश की जरूरत होती है। ज्यादा बारिश होने से खेत की जुताई करने में दिक्कत आती है।”
जितनी बारिश जिले में हुई है। वह उन किसानों के लिए अच्छी हैं जो दलहनी फसल बोने के
लिए बारिश का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बारिश धान के लिए भी मुफीद है क्योंकि धान की नर्सरी पीली पड़ने लगी थी। ऐसे में बारिश होने से वह फिर से हरी भरी हो जाएगी। जबकि धान की रोपाई का भी वक्त आ गया है। ऐसे में जितनी बारिश होगी, किसानों के लिए बेहतर ही होगा।
मछलीशहर ब्लॉक अंतर्गत आने वाले जंघई निवासी रामऔतार (56 वर्ष) का कहना है,“बारिश के बाद दलहनी फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। बारिश कुछ दिनों देर से जरूर हुई लेकिन हम लोग इसी वक्त दलहनी फसल की बुवाई करते हैं।”
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