नवजात बछड़ों के लिए जरुरी है खीस

Update: 2016-11-24 19:18 GMT
पशुपालकों का नवजात बछड़ों को खीस देना जरूरी।

स्वयं डेस्क

लखनऊ। आमतौर पर पशुपालक खीस को नवजात बछड़े को न देकर अपने परिवार के बच्चों व पड़ोस में बांट देते हैं, क्योंकि पशुपालक ऐसा सोचते हैं कि गाय का पहला दूध अथवा खीस बहुत भारी होता है और नवजात इसको पचा नहीं पाएंगे। नवजात बछड़े-बछियों के पालन पोषण में सबसे महत्वपूर्ण खीस है। खीस न मिलने से एक तरफ जहां बछड़े-बछियों में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास नहीं होता, वहीं खीस न मिलने से लगातार बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में थन में दूध होने से थनैला नाम का रोग होने की संभावना होती है। इसलिए नवजात को खीस जरुर पिलाना चाहिए।

खीस कब और कैसे पिलाएं

पशुपालकों को चाहिए कि गाय व भैंस द्वारा जन्म देने के एक-दो घंटे के अंदर खीस को तो निकालें। इसके अलावा बच्चे को थन के पास ले जाकर धीरे-धीरे उसे चूसना सिखाएं। ऐसे बारी-बारी से चारों थनों से करें और बची हुई खीस को साफ बर्तन में निकालें।

चार घंटे के भीतर खीस पिलाना आवश्यक

हल्के गुनगुने पानी से थनों को धोना चाहिए और बर्तन भी साफ सुथरा होना चाहिए। जन्म के तुंरत बाद नवजातों में रोगों से लड़ने की क्षमता बिल्कुल न के बराबर होती है एवं बैक्टीरिया जनित रोग होने की संभावना बनी रहती है इसलिए चार घंटों के भीतर उन्हें खीस पिलाना आवश्यक है। गाय-भैंस के बच्चे जन्म के कुछ दिन बाद तक मां के दूध पर जिंदा रहते हैं और वह स्वयं दूध पीना सीख जाते हैं। डेयरी फार्मों पर गाय-भैंस के ब्याने के तुरंत बाद बच्चे को अलग कर दिया जाता है ताकि उनकी ज़रुरत के अनुसार खीस पिलाया जा सके।

खीस उपलब्ध न होने पर क्या करें

कभी-कभी किसी कारण गाय के बीमार होने पर, मर जाने पर, या थन में चोट आने पर नवजात बछड़े-बछियों को यदि सीधे थनों से खीस उपलब्ध न हो सके तो दूसरी गाय व भैंस की खीस पिलानी चाहिए। जब बच्चे को मां से अलग करें तो बोतल व बरतन से खीस व दूध निकाल कर तुरंत पिला दें। खीस को एक चौड़े बर्तन में लें। खीस में भिगोकर हाथ की उंगलियां बच्चे के मुंह में डालें, फिर वो धीरे-धीरे पीने लगेगा। बछड़े को गाय की खीस देने में असमर्थ हो तो समतुल्य प्रतिपूरक आहार देना चाहिए। जिसमें दो अंडे तथा अरण्डी का तेल, आधा किलो दूध में मिलाकर पांच दिनों तक दिन में तीन से चार बार देना चाहिए। इससे बछड़े की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

ध्यान देने वाली बात

नवजातों को ज्यादा खीस एक बार में ही नहीं पिलानी चाहिए। बछड़े के शरीर के भार के अनुसार प्रति 10 किलो भार पर एक किलो खीस देनी चाहिए।

(ओपिनियन पीस: डॉ. वीके सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग)

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