पत्तागोभी की फसल को पर्णीय पीत रोग से बचाएं 

Update: 2016-11-20 18:41 GMT
गोभी की खेती में पर्णीय पीत रोग का करें रोकथाम।

यह रोग फफूंद फ्यूजेरियम आक्सीस्पोरम कान्ग्लूटिनैन्स के कारण होता है। फफूंद पौधशाला में उग रहे पौधों में प्रवेश कर जाता है। रोपाई के 15-30 दिन के उपरान्त यह रोग खेत में दिखाई पड़ने लगता है। रोग के प्रमुख लक्षणों में पौधे का पीला पड़ना, पत्तियों में पीलापन निचली पत्तियों से ऊपरी पत्तियों में फैलता है। पीली पड़ी पत्तियां बाद में भूरी हो जाती है तथा पौधों से गिर जाती हैं।

ऐसे करें पर्णीय पीत रोग की रोकथाम

इस रोग से फसल को बचाने के लिए खेतों की गहरी जुताई करनी चाहिए। मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ एवं नीम की खली का प्रयोग करना चाहिए। बीज उपाचार हेतु कार्बेन्डिाजिम 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से प्रयोग करना चाहिए। फसल में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। फसलों पर कार्बेन्डिाजिम, हेक्साकोनेजोल 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से अथवा एजाक्सीट्रोबिन ग्रुप (नातिवो) का प्रयोग करना चाहिए। यह छिड़काव 8-10 दिन के अन्तराल पर फिर से करना चाहिए।

ओपिनियन पीस: शैलेंद्र विक्रम सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र (रायबरेली)

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