#स्वयंफ़ेस्टिवल: काश ये मां पहले जानती कि उसका बच्चा कुपोषित है

Update: 2016-12-05 19:39 GMT
सोनभद्र जिले के घोरावल ब्लाक के बरवा गाँव में आज स्वयं फ़ेस्टिवल में हेल्थ कैंप लगाया गया।

स्वयं डेस्क/ कम्युनिटी जर्नलिस्ट : करन सिंह

घोरावल (सोनभद्र)। स्वयं फ़ेस्टिवल का आज चौथा दिन (5 दिसम्बर) है। बच्चों के स्वास्थ्य शिविर में जांच में पांच बच्चे कुपोषित पाए गए।

देश के पहले ग्रामीण अखबार गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ पर 2-8 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के 25 ज़िलों में स्वयं फ़ेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। आपका शहर सोनभद्र भी इन 25 जिलों में शामिल है। आज स्वयं फ़ेस्टिवल चौथा दिन (5 दिसम्बर) है।

स्वयं फ़ेस्टिवल के बैनर पर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 25 जिलों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इनमें बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण और टीकाकरण हुआ। सोनभद्र जिले के घोरावल ब्लाक के बरवा गाँव में आज स्वयं फ़ेस्टिवल में हेल्थ कैंप लगाया गया। इस हेल्थ कैंप में 40 बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया, जिसमें 5 बच्चे कुपोषित पाए गए। जिनको बाल पुष्टाहार विभाग से दवा के साथ साथ पुष्टाहार भी वितरित किया गया।

विभाग की तरफ से हेमलता ने बताया की बच्चों का वजन किया गया, जिनमें पांच बच्चों का वजन काफी कम निकला जो कुपोषण की श्रेणी में है उनको हमने दवा के साथ साथ पुष्टाहार भी दिया और उनकी माताओं को उनकी देखरेख करने को भी बताया गया।

यूनिसेफ के मुताबिक भारत में पांच साल से कम उम्र के 20 प्रतिशत बच्चे अति कुपोषित और 48 प्रतिशत बच्चे अंडरवेट हैं यानि वजन सामान्य से कम है।

यूनिसेफ के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कुपोषण शहरों से ज्यादा है, जिसका कारण समय से पहले होने वाले जन्म और महिलाओं को पोषण के विषय में कम जानकारी होना और खुद कुपोषित होना है।

पांच साल तक के बच्चे के लिए एक दिन में 1000 से 1200 कैलोरी ऊर्जा की जरुरत होती है। यह ऊर्जा दो गिलास दूध, चार से पांच रोटी, सब्जी चावल या लइया से मिल जाती है।

कुपोषित बच्चे की माँ ने बताया की जन्म से ही मेरा बच्चा काफी कमजोर था। अब इसकी देखरेख करुँगी। मुझे बच्चे के लिए दवा और पुष्टाहार भी मिला है।

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