#स्वयंफेस्टिवल: औरैया के बच्चों ने सुनाई कविताएं और डांस से जीत लिया दिल  

Update: 2016-12-30 14:06 GMT
औरैयाय के रैपिड ग्लोबल स्कूल के बच्चों ने सुनाई कविताएं, नन्हे-मुन्नों की रही शानदार परफॉरमेंस।

स्वयं डेस्क/ इन्द्रबहादुर (32 वर्ष)

औरैया। "चिट्ठी में है मन का प्यार, चिट्ठी है घर का अखबार, इसमें हैं सुख-दु:ख की बातें, प्यार भरी इसमें सौगातें..." इन्ही पंक्तियों के साथ जब साक्षी की कविता पूरी हुई तो सैकड़ों बच्चों की गड़गड़ाती तालियों ने साक्षी की हौसलाअफजाई की। कुछ ऐसा ही नजारा था सोमवार को जिले के बिधूना ब्लॉक के अछल्दा रोड स्थित रैपिड ग्लोबल स्कूल का, जहां बच्चों ने कविताओं से सुनने वालों का दिल जीत लिया। गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 25 जिलों में 2 से 8 दिसंबर तक मनाए जा रहे 'स्वयं फेस्टिवल' के तहत स्कूल में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वयं फेस्टिवल के तहत एक सप्ताह में 1000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

कविताएं सुनाती स्कूल की छात्राएं।

एक तरफ कविताओं से तो दूसरी ओर डांस से जीता दिल

बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद रहे बच्चे।

स्वयं फेस्टिवल के तहत 5 दिसंबर को रैपिड ग्लोबल स्कूल में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कविता कार्यक्रम में कई बच्चों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन जीता। कार्यक्रम में श्रुति, शिवानी, प्रांजलि की कविताएं बहुत पसंद की गई।

नन्हे-मुन्नों ने अपने शानदार डांस से जीता दिल।

एक तरफ जहां बच्चों ने कविताएं सुनाईं, वहीं दूसरी ओर नन्हे-मुन्नों की डांस परफॉरमेंस भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहीं। एक से बढ़कर एक गीतों पर बच्चों ने ग्रुप डांस के जरिये लोगों का दिल जीता। इस मौके पर लोगों ने मेरा देश रंगीला... गीत पर बच्चों की परफॉरमेंस को खूब पसंद किया। कार्यक्रम में बच्चों ने एक से बढ़कर एक परफॉरमेंस दी।

बच्चों ने दिखाया करतब और सीखा जूडो-कराटे

बच्चों ने दिखाए करतब।

सिर्फ इतना ही नहीं, नृत्य प्रतियोगिता से पहले बच्चों ने अपने करतब दिखाकर देखने वालों को हैरान कर दिया। इस परफॉरमेंस पर बच्चों ने खूब तालियां बटोरीं। वहीं दूसरी ओर लड़कियों को जूडो-कराटे भी सीखाया गया, ताकि समय आने पर वे आत्मरक्षा कर सकें। कराटे ट्रेनर ने लड़कियों को मनचलों के छेड़खानी करने पर उन्हें सबक सिखाने के लिए कई दांव-पेंच भी सिखाए गए।

आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे सीखतीं स्कूल की लड़कियां।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

Similar News