वारिश अली शाह की दरगाह पर प्रसिद्ध देवां मेला आज से, देशभर से आते हैं श्रद्धालु

Update: 2016-10-17 08:53 GMT
10 दिन तक चलता है आपसी भाई-चारे का प्रतीक यह मेला।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: अरुण मिश्रा

विशुनपुर (बाराबंकी)। 'जो रब है वही राम है’ का सन्देश देने वाले हाजी वारिस के पिता दादा मियां के याद में लगने वाला दस दिवसीय देवां मेला आज से शुरु हो रहा है। मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी की पत्नी शेख मुहम्मद रसूल गेट पर फीता काटकर करेंगी।

प्रदेश और देश के नामी मेलों में शुमार

प्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के वालिद सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में लगने वाला देवां मेला सोमवार से शुरू हो रहा है। एक दशक का इतिहास समेटे इस मेले की शुरुआत स्वयं हाजी वारिस अली शाह ने अपने वालिद की याद में की थी। पहले बड़ेला में लगने वाला यह मेला कालांतर में देवा में स्थानांतरित हो गया, जो आज प्रदेश और देश के नामी मेलों में शुमार है।

मेले का अलग इतिहास

सोमवार को शहनाइयों की मधुर ध्वनि और बैंड बाजे की धुन के बीच जिलाधिकारी अजय यादव की धर्मपत्नी इसका शुभारम्भ करेंगी। दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में धार्मिक गतिविधियों के साथ, व्यवसायिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों का अपना अलग इतिहास है। आस्था और गंगा जमुनी तहजीब का पर्याय बने इस मेले के दौरान लाखों जायरीन सूफी संत के चरणों में अपनी अकीदत पेश करने आते हैं।

सज चुका है बाजार

सोमवार को इसके औपचारिक शुभारम्भ के साथ ही मजार शरीफ के कार्यक्रमों की भी शुरुआत हो जायेगी। प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही खेल गतिविधियों का भी आगाज होगा। मेले के मद्देनजर देर शाम तक दुकानदारों के पहुँचने का सिलसिला जारी था। दुकानदार अपनी दुकानों को सजाने सँवारने में लगे थे। वहीं काफी दुकानदार अपनी दुकानों को फाइनल टच देने में व्यस्त थे। मेले में दुकानदारों को आपूर्ति करने वाला थोक बाजार भी सज कर तैयार हो चुका है।

सुरक्षा व्यवस्था रहेगी मुस्तैद

कस्बे के होटल, सराय और गेस्ट हाउस भी जायरीन की आमद से गुलजार होने लगे हैं। भारी भीड़ को देखते हुए मेले की सुरक्षा हेतु मेले को तीन जोन में बांटा गया है। इसके आलावा मेले में तीन बटालियन पीएसी, 400 होमगार्ड, बम डिस्पोजल दस्ता, सीसीटीवी कैमरा व भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए वाच टावर भी बनाये गए है।

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