एक फोन पर आपके पशुओं को मिलेगा इलाज

Update: 2017-06-07 13:33 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

गजियाबाद। पशुपालकों के लिए अच्छी एक खबर है। अब दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं के बीमार होने पर पशुपालकों को शहर की तरफ दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं है। बीमार पशुओं के उपचार के लिए पशुचिकित्सा विभाग ने सचल दल का गठन किया है। ग्रामीणों के फोन करने के तुरंत बाद सचल दल गाँव पहुंचकर बीमार पशु का उपचार करेगा।

गाजियाबाद जिले के ज्यादातर गाँवों में पशु चिकित्सालय नहीं है, जबकि बड़ी संख्या में ग्रामीणों की आय का साधन कृषि या पशुपालन है। पशुओं के बीमार होने पर ग्रामीणों को शहर की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है और इसमें काफी समय, धन की बर्बादी होती है।

जिले के सैकड़ों गाँव तो ऐसे हैं जो शहर से काफी दूर हैं। इन गाँवों से बीमार पशुओं को शहर तक लाने में ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। बड़े वाहन में बीमार पशु लादने और उतारने में ग्रामीणों को परेशानी के साथ ही उन्हें आर्थिक क्षति भी होती है। कई बार पशु अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

जिले के उपमुख्य पशुचिकित्सका अधिकारी के मुताबिक, गाय अन्य पशुओं की अपेक्षा कम ताकतवर होती है। लिहाजा बीमार अवस्था में गाय को अस्पताल ले जाते समय अधिक सावधानी बरतनी होती है। अब शासन स्तर पर दूर-दराज के गाँवों में पशु चिकित्सा सेवा मुहैया करने की पहल शुरू की गई है।

सरकार के बहुउददेशीय सचल पशुचिकित्सा सेवा के माध्यम से इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग ने सचल टीम का गठन किया है। टीम में पशु चिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी, स्थानीय पशु मित्र एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शामिल किया गया है। टीम के लिए विभाग की तरफ से एक वाहन भी उपलब्ध कराया गया है।

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अभी सह योजना भोजपुर, रजापुर और मुरादनगर ब्लाक में शुरू की गई है। प्रत्येक सचल दल को कम से कम 10 कैम्प का भी आयोजन करना होगा। जहां पर जानवरों का इलाज किया जाएगा। टीम में शामिल पशु चिकित्सक गाय के अलावा अन्य पशुओं का उपचार करेंगे। प्रारंभ में यह सचल दल अब तक मुरादनगर ब्लॉक में 200 से ज्यादा पशुओं का उपचार कर चुका है।

पशु चिकित्सालय प्रभारी डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया, “बीमार हालत में पशु को शहर लाने में परेशानी होती है। जिन गाँवों की दूरी पशु अस्पताल से काफी अधिक है, उनके लिए सचल दल का गठन किया गया है। यह दल मौके पर पहुंचकर बीमार पशु का उपचार करेगा।”

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