उद्यान विभाग की योजनाएं ​रजिस्ट्रेशन तक सिमटी, बजट मिला, लेकिन किसानों को लाभ नहीं

Update: 2017-07-14 17:48 GMT
किसानो को नहीं मिलता सरकारी योजनाओं का 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

जौनपुर। अब इसे अधिकारियों की लापरवाही कहा जाए या किसानों में जागरुकता की कमी, किसानों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं का बजट मिल गया, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिला। हम बातकर रहे हैं उद्यान विभाग की ओर से संचालित होने वाली योजनाओं को जो सिर्फ और सिर्फ रजिस्ट्रेशन तक ही सिमट कर रह गई। अधिकारियों ने किसानों को लाभ पहुंचाने में तेजी नहीं दिखाई।

उद्यान विभाग की ओर से इस वक्त कई पांच योजनाएं चल रही हैं। जिसमें एकीकृत बागवानी विकास मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, अनुसूचित औद्योगिक विकास योजना और राष्ट्रीय कृषिविकास योजना। इन योजनाओं में से सिर्फ कृषि विकास योजना के तहत ही बजट नहीं आया है। बाकी योजनाओं का बजट आ चुका है और लक्ष्य के बारे में भी तस्वीर साफ है।

योजनाओं के बारे में बात की जाए तो एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत पांच हेक्टेयर भूमि में आम, 10 हेक्टेयर में अमरूद और 40 हेक्टेयर भूमि में केला लगाने की योजना है। जबकिप्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत टपक व फौव्वारा सिंचाई की की सुविधा किसानों को दी जानी है।

इसके तहत 180 हेक्टेयर भूमि में टपक सिंचाई व 237 हेक्टेयर में फौव्वारा से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना है। अनुसूचित औद्यौगिक विकास योजना के तहत ढाई हेक्टेयर में कददू, डेढ़ हेक्टेयर मेंशिमला मिर्च, दो हेक्टेयर में मसाला, डेढ़ हेक्टेयर में धनियां, एक हेक्टेयर में लहसुन आदि की खेती करना है।

दिक्कत यह है कि इन सुविधाओं का लाभ अभी तक विकास चयनित किसानों को नहीं दे पाया है, योजना सिर्फ उनके रजिस्ट्रेशन तक ही सीमित रह गई है। वहीं कई अन्य किसानों का पंजीकरण करने कीतैयारी चल रही है। करंजाकला ब्लॉक के सिददीकपुर निवासी किसान विवेक यादव (45वर्ष) का कहना है,“ विभाग सिर्फ रजिस्ट्रेशन करवा लेता है। योजनाओं को लाभ उन लोगों को नहीं मिल पाता है।”

इसी तरह बरसठी ब्लॉक के खुआवा ग्राम के किसान घनश्याम मौर्य (36वर्ष) का कहना है,“ सरकार किसानों के लिए तमाम योजनाएं चलाती है, लेकिन अधिकारियों की ढुलमुल लापरवाही की वजह सेकिसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।”

जिला उद्यान अधिकारी हरिशंकर बताते हैं, “किसानों को योजनाओं का लाभ देने के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा। विभाग की प्राथमिकता है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ मिले। कुछ किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।”

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