डेंटल कैंप : ‘मेरे चाचा कहते हैं बालू से दांत मांजा करो’

Update: 2017-09-17 14:05 GMT
छात्राओं के दांतों का चेकअप करते हुए डॉक्टर 

कन्नौज। ‘‘पहले मैं कोलगेट से दांत साफ करता था। करीब एक महीने पहले चाचा ने कहा कि मैं बालू से साफ करता हूं, तुम भी इसी से साफ किया करो तो मैंने टूथपेस्ट बंद कर दिया। अब ऐसा नहीं करूंगा। डॉक्टर साहब ने इसके नुकसान बताए हैं।’’ यह कहना है आसकरनपुर्वा निवासी कक्षा छह के छात्र दीपांशु का।

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब पांच किमी दूर देवा-नजरापुर गाँव में सरस्वती शिशु-विद्या मंदिर में डॉ. वरुण सिंह कटियार ने डेंटल कैंप लगाया। इसमें ‘गाँव कनेक्शन’ फाउंडेशन भी सम्मिलित हुआ। डॉ. कटियार बताते हैं, ‘‘बालू और राख के इस्तेमाल से दांत खराब हो जाते हैं। दाग भी पड़ जाते हैं। इसलिए कोई भी अच्छा टूथपेस्ट इस्तेमाल करना चाहिए।’’

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डॉ. कटियार आगे कहते हैं, ‘‘मुंह की दुर्गंध और कीटाणु मारने के लिए ब्रश किया जाता है। गंदगी की वजह से ही पेट में दर्द होने लगता है। दांतों में अधिक दिक्कत वाले बच्चों का इलाज मैं फ्री में करूंगा।’’

व्यवस्थापक प्रमोद गुप्ता ने बताया, ‘‘मेरे स्कूल में 100 बच्चों का चेकअप हुआ है। सभी को निशुल्क टूथपेस्ट और कुछ लोगों को दवाएं बांटी गई हैं। स्कूल के स्टाफ का भी चेकअप हुआ।’’ शिक्षिका ज्योति कहती हैं, ‘‘बच्चों को टूथपेस्ट मिला है। आदत में आ जाएगा। सुधार होगा।’’ भुगैतापुर गाँव निवासी कक्षा आठ की छात्रा शुभी सिंह बताती हैं, ‘‘मुझे आज ही पता चला है कि बालू और राख से दांत साफ नहीं करने चाहिए।’’

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