खंडहर में तब्दील हुआ पंचायत भवन

Update: 2016-10-23 16:41 GMT
साभार: गूगल इमेज

मोहित अस्थाना (कम्यूनिटी जर्नलिस्ट)

पाटन (उन्नाव)। एक तरफ जहां क्षेत्र में कई आंगनबाड़ी, पशु चिकित्सा केंद्र आदि कई सरकारी योजनाएं खुद की सरकारी इमारत की अनुपलब्धता के चलते किराए के भवनों में संचालित हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर जो सरकारी इमारत हैं भी वो रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रही हैं।

उन्नाव जिले के पाटन क्षेत्र के सुमेरपुर विकास खंड के सहिला गाँव में ग्राम पंचायत की बैठकों के लिए कुछ वर्षों पूर्व लाखों रुपए की लागत से निर्मित हुआ पंचायत भवन लम्बे समय से पंचायत द्वारा उपयोग में नहीं लिया जा रहा है। नतीजतन रखरखाव के आभाव में यह पूरी तरह से बदहाली की स्थिति में पहुंच गया है। हालत यह है कि गाँव के ही कुछ लोगों ने इसमें लकड़ी, गोबर के कंडे व खरपतवार आदि निजी उपयोग की वस्तुएं भरकर ताला जड़ दिया है। लोगों ने इसके सहन में घूरे आदि के ढेर लगा रखे हैं। आसपास पास कीचड़ व गंदगी से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। कंटीले पौधों व झाड़ियों के उगने से उनमें कीट पतंग व विषैले जन्तुओं का बसेरा हो गया है।

ग्रामीण सर्वेश साहू (42 वर्ष) बताते हैं, "निजी उपयोग में लिए जा रहे पंचायत घर की साफ-सफाई व रंग-रोगन कई वर्षों से नहीं कराया गया। इसके सम्बन्ध में कई बार शिकायत करने के बावजूद न ही पंचायत ने इसकी सुध ली और न ही सम्बन्धित विभाग ने ही कोई कदम उठाया।" ग्राम वासियों ने पंचायत भवन का समुचित रखरखाव व उपयोग में लिए जाने की मांग पंचायतीराज विभाग के उच्चाधिकारियों से की है।

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