विश्व बैंक की मदद से गाँवों में शहरों जैसी होगी पेयजल आपूर्ति

Update: 2017-06-29 16:20 GMT
विश्व बैंक। 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। जिले के 134 गाँवो की पेयजल आपूर्ति बेहतर करने के लिए गाँवो का चयन किया है। चयनित सभी गाँवों में पेयजल आपूर्ति शहरों की भांति होगी। इसके लिए गाँव में ही पम्प हाउस बनाये जाएंगे और पानी स्टोर करने के लिए ओवरहेड का निर्माण किया जाएगा।

विश्व बैंक की ओर से संचालित नीर निर्मल योजना से जिले के 134 गाँवो की पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। योजनान्तर्गत आने वाले कुल खर्च का 50 प्रतिशत विश्व बैंक की ओर से प्राप्त होगा, शेष राशि केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाना है।

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नीर निर्मल योजना के तहत होने वाले काम की जिम्मेदारी जल निगम को सौंपी गई है। इस योजना के तहत गाँवो तक पानी का कनेक्शन पहुँचा दिया जाएगा। घरों तक पानी पहुचाने के लिए ग्रामीणों को शुल्क जमा करना होगा। इलाहाबाद के जिला विकास अधिकारी आरयू द्विवेदी ने बताया, "योजनान्तर्गत गाँवों का चयन कर सर्वे का काम शुरू हो चुका है। सर्वे का काम पूरा होते ही गांव में पम्प हाउस और ओवरहेड का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।"

पेयजल कनेक्शन का शुल्क में आरक्षण कोटे का भी ख्याल रखा गया है। इसके तहत सामान्य वर्ग 450 रुपये, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लोगों को 50 प्रतिशत कम 225 रुपए पेयजल कनेक्शन के लिए जमा करना होगा। शहर की भांति गाँवो में पेयजल आपूर्ति करने के लिए जिले के 15 ब्लाकों को महत्व दिया गया है, जिनमे से उरुवा ब्लाक से 18, बहादुरपुर ब्लाक से 15, प्रतापपुर के 10, करछना के 10, मांडा के 10, सैदाबाद के 9, सोरांव के 9, हंडिया के 7, बहरिया के पांच, सबसे अधिक गांव कौड़िहार ब्लाक से चयनित किये गए हैं। कौड़िहार से 18 गाँवों के निवासियों को योजना का लाभ मिलेगा।

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चार ब्लाक से केवल एक एक गांव का चयन किया गया है। इनमे मेजा, कोरांव, मऊआइमा, और शंकरगढ़ ब्लाक शामिल है। घरों में पेयजल कनेक्शन के लिए आवेदन ग्राम प्रधान के यहां जमा करने का आदेश दिया गया है।

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