योगी के शपथ ग्रहण में पहुंचकर अखिलेश यादव ने खींची लकीर

Update: 2017-03-20 13:54 GMT
प्रधानमंत्री मोदी अखिलेश यादव से हाथ मिलाते हुए।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 32वें मुख्यमंत्री के तौर पर आदित्यनाथ योगी के शपथ ग्रहण के लिए बने मंच पर जैसे-जैसे वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंच रहे थे, उनके नाम की घोषणा के साथ ही उनके अभिवादन में तालियों की गड़गड़ाहट और नारेबाजी सुनाई दे रही थी।

इस बीच लाउडस्पीकर में ऐसा नाम गूंजा जिसने सभी के कान खड़े कर दिए और तालियों की गड़गड़ाहट तेज हो गई। ये नाम था पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। जिन्होंने चुनावी प्रचार के दौरान दिखी ज़ुबानी जंग की कड़वाहट को दरकिनार करते हुए आदित्यनाथ योगी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचकर एक बड़ी लकीर खींचते हुए नव समाजवाद की नींव रखी। यही नहीं, उनके साथ मंच पर इस समारोह का हिस्सा बने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह। इसी के साथ मंच पर एक स्वस्थ लोकतंत्र की झलक भी दिखी।

आदित्यनाथ योगी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अखिलेश यादव और मायावती दोनों को खुद फोन किया था। अखिलेश यादव तो समारोह में पहुंचे, लेकिन मायावती ने इससे किनारा करना ही बेहतर समझा। अखिलेश यादव ने वहां पर आए केन्द्रीय मंत्रियों व राज्यों के मुख्यमंत्रियों से शिष्टाचार भेंट की। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलायम सिंह यादव के साथ गर्मजोशी से मिले।

योगी के शपथ ग्रहण के मंच का नजारा चुनावी रैलियों के दौरान हो रही जुबानी जंग से बिल्कुल अलग था। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से मिलवाया तो पीएम मोदी ने अखिलेश यादव की पीठ भी थपथपाई और आशीर्वाद भी दिया। वहीं, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ मंच पर मुलायम सिंह के पहुंचने पर खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनका हाथ पकड़कर आगे ले गए और कुर्सी पर बैठाया। ठीक उसी अंदाज में जब 26 मई, 2015 को नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। यूपी में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का साक्षी बनने के लिए केन्द्रीय मंत्री, छह राज्यों के मुख्यमंत्री, कुछ पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ राजनेता उपस्थित हुए।


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