सीबीएसई में बंद हो सकते हैं होम एग्जाम

Update: 2016-10-24 16:37 GMT
प्रतीकात्मक फोटो। साभार: गूगल

लखनऊ। इन दिनों उन बच्चों की नींद उड़ी हुई है, जो आने वाले वर्षों में 10वीं कक्षा में होम एग्जाम देने की तमन्ना रखते हैं। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को जब से यह जानकारी मिली है कि सीबीएसई बोर्ड में 10वीं कक्षा में होने वाले होम एग्जाम बंद किये जायेंगे और अब बच्चों को होम या बोर्ड एग्जाम चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा, तब से उनकी परेशानी बढ़ गयी है।

इस सबंध में हो सकती है घोषणा

बता दें कि 10वीं कक्षा के लिए बच्चों को होम या बोर्ड विकल्प चुनने का अवसर नहीं मिलेगा। होम एग्जाम बंद कर केवल बोर्ड एग्जाम फिर से शुरू हो सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर आज इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, होम एग्जाम पर पाबंदी वर्ष 2018 से लगने की संभावना है, लेकिन अलग-अलग राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CABE) के साथ होने वाली बैठकों के बाद ही अंतिम फैसला लिया जायेगा।

11वीं में फेल होने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा

छह साल पहले सीबीएसई की 10वीं की बोर्ड परीक्षा को वैकल्पिक बना दिया गया था। इसके बाद लगभग 85 प्रतिशत बच्चों ने होम एक्जाम चुनने में रुचि दिखायी थी। कारण था स्कूल में रहकर ही अपने जाने हुए शिक्षकों के बीच एग्जाम देना। इसके चलते बच्चों को जहां नयी जगह और नये लोगों के बीच एग्जाम देने में घबराहट नहीं होती थी तो वहीं अपने शिक्षकों से मदद की भी उम्मीद रहती थी। लेकिन इससे बच्चों में शिक्षा का स्तर गिरने की बातें सामने आने लगी थीं। साथ ही 10वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा ना होने की वजह से 11वीं कक्षा में फेल होने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। जानकारी के अनुसार इन्हीं सब समस्याओं के चलते यह फैसला लिये जाने की संभावना है।

क्या कहते हैं बच्चे

इस सम्बन्ध में सीबीएसई बोर्ड से 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली पलक चन्द्रा कहती हैं कि अभी तक तो होम एग्जाम हो ही रहे थे तो अब क्यों बंद किये जा रहे हैं। मुझे किसी अन्य स्कूल में जाकर एग्जाम देने में डर लगेगा। अभी तक मैंने अपने ही स्कूल में सारे एग्जाम दिये हैं तो किसी और स्कूल में जाकर एग्जाम देने में परेशानियां आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे स्कूल में मेरे टीचर भी नहीं होंगे तो मेरी हेल्प कौन करेगा। मेरे बड़े भाई के जिन दोस्तों ने होम एग्जाम दिये, उनके नम्बर बहुत अच्छे आये हैं और मेरे भाई ने बोर्ड एग्जाम दिया था तो उसके नम्बर अच्छे नहीं आये हैं, इसलिए मैं चाहती हूं कि होम एग्जाम बंद न हों।

क्या कहते हैं अभिभावक

अभिभावक रमेश कुमार 43 वर्ष कहते हैं कि जिन बच्चों ने होम एग्जाम दिये हैं, उनके नम्बर काफी अच्छे आते रहे हैं। यदि कोई बच्चा बोर्ड एग्जाम देकर यदि कम नम्बर लाये तो भी वह लो मार्किंग कहलाता है और यदि कोई बच्चा होम एग्जाम देकर ज्यादा नम्बर लाता है तो उसकी वाहवाही होती है। बोर्ड एग्जाम कठिन होने के बावजूद लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण हैं तो बस मार्किंग जो कि होम एग्जाम में अच्छी आती है। इसलिए बच्चों को भी होम एग्जाम पसंद हैं और ज्यादातर स्कूलों में अपनी रैंकिंग हाई दिखाने के लिए होम एग्जाम ही दिलवाये जाते हैं। मेरी बेटी जो इस वर्ष कक्षा 9 में पढ़ रही है उसके लिए मैं भी यही चाहता हूं कि उसको होम एग्जाम ही देना पड़े।

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