यूजीसी खत्म, उसकी जगह लेगा हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया
अगर शिक्षण संस्थानों का प्रबंधन हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) के आदेशों की अवहेलना करता है तो एचईसीआई के पास प्रबंधकों को तीन साल जेल भेजने का भी अधिकार होगा।
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा की स्थिति सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन यानि यूजीसी को समाप्त करने की घोषणा की है। यूजीसी की जगह अब हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) लेगा। इसके लिए सरकार ने वर्ष 1951 का यूजीसी एक्ट खत्म करके उसकी जगह एचईसीआई एक्ट 2018 लागू कर दिया है।
बुधवार को ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नए एक्ट का मसौदा भी जारी कर दिया। नए आयोग को यह अधिकार होगा कि वह फर्जी और बोगस शिक्षण संस्थानों को बंद करवा सके। अगर संस्थान का प्रबंधन एचईसीआई के आदेश की अवहेलना करता है तो एचईसीआई के पास प्रबंधकों को तीन साल जेल भेजने का भी अधिकार होगा। नए एक्ट के तहत सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक ही आयोग होगा। इनमे केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय आएंगे।
Under the leadership of PM @narendramodi has embarked on a process of reforms of the regulatory agencies for better administration of the HE sector. In a landmark decision, a draft Act for repeal of #UGC & setting up #HECI (Higher Education Commission of India) has been prepared.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 27, 2018
मौजूदा व्यवस्था में निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए नियम मंत्रालय स्तर पर तय होते हैं। एक और अहम बदलाव यह होगा कि एचईसीआई के पास वित्तीय अधिकार नहीं होंगे बल्कि वह विश्वविद्यालयों में होने वाली पढ़ाई और शोध कार्य पर ही ध्यान केंद्रित रखेगा। नई व्यवस्था के तहत मान्यताओं की समस्याओं का निराकरण ऑनलाइन हो सकेगा।
बुधवार को जारी मसौदे के अनुसार नए एक्ट के बनने वाले एचईसीआई में चेयरमैन, वाइसचेयरमैन, अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े 12 सदस्य होंगे। आयोग का सचिव सदस्य सचिव के रूप में काम करेगा। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार के हाथों होगी। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यीय कमिटी चेयरमैन का चयन करेगी। इसमें सदस्य के रूप में उच्च शिक्षा सचिव भी शामिल होंगे।