जानवरों में बढ़ रहे पथरी के मामले, ऐसे करें पहचान
Diti Bajpai 11 Jan 2018 12:56 PM GMT

लखनऊ। अक्सर आपने इंसानों में ही पथरी के बारे में सुना होगा लेकिन यह जानलेवा बीमारी न सिर्फ इंसानों में होती है बल्कि जानवरों में भी तेजी से बढ़ रही है।
“सर्दियों में ज्यादातर बछड़े/बछिया कम पानी पीते हैं, जिससे पथरी की समस्या बढ़ जाती है। हमारे संस्थान में रोज पांच से दस मामले पथरी के आ रहे हैं। पशुपालक ज्यादातर बछड़े/बछिया को भूसा और चोकर दे देते हैं। जो पथरी बना देती है। सबसे बड़ी पथरी एक घोड़े में मिली जो 150 ग्राम और सात सेंटीमीटर की थी।” ऐसा बताते हैं, भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के रेफरल पॉली क्लीनिक के प्रभारी और सर्जरी विभाग के हेड प्रधान डॉ. अमरपाल।
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यूरोलीथियसिस नाम की यह बीमारी पशुओं को पानी कम पीने के कारण शिकार बना रही है। यह जानवर के यूरिनरी ब्लैडर की पथरी खिसक कर यूरेथ्रा (मूत्रनली) को ब्लॉक कर देती है और यूरिनरी ब्लाडर में मूत्र भरने से फट जाता है और मूत्र शरीर में भर जाने से संक्रमण जानवर के पूरे शरीर में फैल जाता है, जिससे पशु की मौत भी हो जाती है।
डॉ अमरपाल बताते हैं, "यह पथरी कुत्तों, पड़वा और बकरियों में सबसे ज्यादा पाई गई है। हमारे क्लीनिक में पथरी को निकालने के लिए ट्यूब सिस्टोस्टॉमी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें फोलेस कैथेटर लगाकर पशुओं के ब्लैडर से नली के सहारे पेशाब निकाला जा रहा है।"
आईवीआरआई के आंकड़ों के अनुसार पिछले दस सालों में पथरी के मामलों में आठ गुना की बढ़ोतरी हुई है। डॉ. अमरपाल बताते हैं, “हमारे पास जितने पशु आते हैं उनमें एक मिमी से लेकर पांच सेंटीमीटर तक की पथरी निकाली गई है। एक साल में ऐसे 700-800 मामले आते हैं, जिनमें से कुछ पशुओं की मौत भी हो गई है।
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“अगर पशु बार-बार पेशाब करें, पेशाब रुक-रुक करें या फिर पेशाब में खून आए तो पशु को पथरी हो सकती है। इसके अलावा अगर पशु का पेट फूल गया हो या फिर तड़प रहा हो तो भी पथरी हो सकती है, ”लक्षणों के बारे में डॉ. अमरपाल ने बताया।
पेशाब रुकने पर कोई दवा न दें
डॉ. अमरपाल ने बताया, “कई बार पशुपालक पथरी के लक्षणों को जान नहीं पाते है और उन्हें लैसिक्स (पेशाब बनाने वाले) इंजेक्शन लगा देते हैं। इसके साथ-साथ दवा भी दे देते है जो पशु के मौत का कारण बन जाता है। इससे पाड़े की पेशाब की थैली फटने का डर रहता है। पशुपालक इस बात का ध्यान रखें कि पशु को पेशाब बढ़ाने वाली दवा न दें उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।”
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