उत्तर प्रदेश में 15 मार्च से शुरू होगा खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान
Diti Bajpai | Feb 27, 2018, 15:53 IST
पशुओं को खुरपका और मुंहपका रोग से बचाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 15 मार्च से खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। इस टीकाकरण में 4.76 करोड़ पशुओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पशुपालन विभाग के रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र निदेशक डॉ ए.एन सिंह बताते हैं, “साल में दो बार खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। टीकाकरण करने के लिए पांच सदस्यों की टीम हर जिले में तैयार की गई है। जो एक दिन में न्यूनतम 400 पशुओं का टीकाकरण करेंगे। सचल पशु चिकित्सा वाहनों द्वारा गाँव-गाँव जाकर पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन भी उपलब्ध करा दी गई है।”
खुरपका और मुंहपका एक संक्रामक रोग है जो विषाणु से फैलता है ,जिससे सबसे ज्यादा पशु प्रभावित होते है। इस बीमारी में पशुओं को तो परेशानी होती है इसके साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि इस बीमारी से ग्रसित पशुओं से दुग्ध उत्पादन काफी कम हो जाता है। देशभर में हर वर्ष लगभग 30 करोड़ दुधारू पशुओं (19 करोड़ गाय व 11 करोड़ भैंस) को खुरपका व मुंहपका रोग के टीके साल में दो बार लगाने का लक्ष्य है क्योंकि एक बार लगाया गया यह टीका छह माह तक ही काम करता है।
डॉ सिंह बताते हैं, "इस बीमारी का टीका पशुओं को जरूर लगवाना चाहिए क्योंकि यह बीमारी एक पशु से दुसरे पशुओं में बहुत जल्दी फैलती है। टीकाकरण कराते समय इस बात का ध्यान रखें कि आठ महीने से अधिक गर्भधारण किए पशुओं का टीकाकरण न कराएं और चार माह से छोटे पशुओं के बच्चों को टीका न लगवाएं। यह टीकाकरण अभियान निशुल्क चलाया जाता है। अगर किसी के गाँव में टीकाकरण न हो तो पास के पशु चिकित्सालय में संपर्क कर लें।"
इस रोग के नियत्रंण के लिए भारत सरकार वैक्सीन उपलब्ध कराती है। इसके अलावा वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन, लॉजस्टिक इत्यादि व्यवस्थाओं और टीकाकरण के प्रचार प्रसार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बजट देती है। इस अभियान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर साल साढ़े सात करोड़ रुपए खर्चा करती है। टीकाकरण करने के लिए टीम बनाई जाती है, जिसमें एक डॉक्टर, दो पशुधन प्रसार अधिकारी, दो चतुर्थ श्रेणी होते है। इस टीम के द्वारा दिनभर में 400 टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
पशुपालन विभाग के रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र निदेशक डॉ ए.एन सिंह बताते हैं, “साल में दो बार खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। टीकाकरण करने के लिए पांच सदस्यों की टीम हर जिले में तैयार की गई है। जो एक दिन में न्यूनतम 400 पशुओं का टीकाकरण करेंगे। सचल पशु चिकित्सा वाहनों द्वारा गाँव-गाँव जाकर पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन भी उपलब्ध करा दी गई है।”
खुरपका और मुंहपका एक संक्रामक रोग है जो विषाणु से फैलता है ,जिससे सबसे ज्यादा पशु प्रभावित होते है। इस बीमारी में पशुओं को तो परेशानी होती है इसके साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि इस बीमारी से ग्रसित पशुओं से दुग्ध उत्पादन काफी कम हो जाता है। देशभर में हर वर्ष लगभग 30 करोड़ दुधारू पशुओं (19 करोड़ गाय व 11 करोड़ भैंस) को खुरपका व मुंहपका रोग के टीके साल में दो बार लगाने का लक्ष्य है क्योंकि एक बार लगाया गया यह टीका छह माह तक ही काम करता है।
डॉ सिंह बताते हैं, "इस बीमारी का टीका पशुओं को जरूर लगवाना चाहिए क्योंकि यह बीमारी एक पशु से दुसरे पशुओं में बहुत जल्दी फैलती है। टीकाकरण कराते समय इस बात का ध्यान रखें कि आठ महीने से अधिक गर्भधारण किए पशुओं का टीकाकरण न कराएं और चार माह से छोटे पशुओं के बच्चों को टीका न लगवाएं। यह टीकाकरण अभियान निशुल्क चलाया जाता है। अगर किसी के गाँव में टीकाकरण न हो तो पास के पशु चिकित्सालय में संपर्क कर लें।"
भारत सरकार उपलब्ध कराती है वैक्सीन
खुरपका एवं मुंहपका बीमारी के लक्षण
- तेज बुखार आना
- मुंह से लार आना
- मुंह एवं पैरों में खुरों के बीच जख्म होना