इस बाजार में कपड़ों से लेकर टीवी तक गरीबों को सब कुछ मुफ़्त में मिलता है
Neetu Singh 14 Jan 2018 6:59 PM GMT

जब भी शापिंग माल का जिक्र आता है तो हम सोचते हैं वहां सिर्फ पैसे वाले लोग ही जा सकते हैं। गरीब और वंचित तबके के लिए शापिंग माल में जाना और अपना मनपसंद सामान मिलना एक सपने जैसा होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए लखनऊ में एक दिन के लिए नि:शुल्क ‘जन बाजार’ चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगाया गया। जिसमें सड़क पर भीख मांगने वाले और वंचित लोगों ने कुछ घंटे ही सही पर अपना मनपसंद का सामान लेकर इस तरह के बाजार की चकाचौंध से परिचित होकर खुश हुए। लखनऊ में लगे इस तरह के नि:शुल्क ‘जन बाजार’ आने वाले एक महीने में उत्तर प्रदेश के अलावा और भी कई राज्यों में लगेंगे।
हर दिन सड़क पर दूसरों के आगे हाथ फ़ैलाकर भीख मांगने वाली रामकली ने जब ‘जन बाजार’ में पहली बार अपने मनपसन्द साड़ी बिना पैसों की ली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस बाजार में साड़ी से लेकर टीवी तक नि:शुल्क मिल रही थी। रामकली की तरह सैकड़ों बेघर और गरीब लोगों ने चारबाग में लगे इस नि:शुल्क ‘जन बाजार’ में अपनी मर्जी का सामान लेने का पहली बार मौका मिला। ये उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था।
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इस बाजार में आयी रामकली (55 वर्ष) ने खुश होकर कहा, “अभी तक कोई भी आता था जिसके जो मन में आता वो सामान देकर चला जाता। आज पहली बार इस तरह का बाजार लगा देखा जहां हमें अपने मन से सामान लेने का फ्री में मौका मिला। हमारे लिए भी कोई कभी ऐसा बाजार लगा सकता है ऐसा कभी सोचा नहीं था।” लोहड़ी के दिन रामकली जैसे सैकड़ों चेहरों पर खुशी के साथ आत्मसंतुष्टि दिखी।
इस जन बाजार में शापिंग माल की तरह कई काउंटर बने थे जिसमें बच्चों की कापी किताब, खिलौने, कपड़े, खाने-पीने का सामान, टीवी, राशन, सब्जी, बर्तन, कास्मेटिक, सेनेटरी पैड जैसे कई स्टाल नजर आए। तीन चार घंटे में सैकड़ों लोगों ने अपने मन के कपड़े और भी जरूरत के कई सामान लिए।
इंडियन रोटी बैंक की है मुहिम
एक गैर सरकारी संगठन सत्याग्रह समिति की ओर से संचालित इंडियन रोटी बैंक उत्तर प्रदेश के 17 जिले और देश के सात राज्यों के 33 जिलों में 39 यूनिट चल रही हैं। इंडियन रोटी बैंक का मुख्य उद्देश्य है कि देश का कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति रोटी की वजह भूखा न रहे। इस उद्देश्य को पूरा करने के देश के अलग-अलग राज्यों के सैकड़ों लोग इस मुहिम से जुड़े हैं। इस मुहिम में हजारों भूखे लोगों को फ्री में खाना खिलाया जाता है।
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रोटी बैंक का दूसरा उद्देश्य है, अभावों के चलते गरीब और ज़रूरतमंदों को समाज से अलग न महसूस होने दिया जाए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए संस्था के संस्थापक विक्रम पाण्डेय ने पायलेट प्रोजेक्ट की तरह उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में अक्टूबर माह में गांव के वंचितों के लिए नि:शुल्क बिग बाजार का आयोजन किया था। दूसरा आयोजन लखनऊ के चारबाग़ में 13 जनवरी को किया गया। इस तरह के नि:शुल्क ‘जन बाजार’ का आयोजन फरवरी माह में उत्तर प्रदेश के बहराइच, गोरखपुर, सहारनपुर में मध्य प्रदेश के जबलपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर में किया जाएगा।
रोटी बैंक के संस्थापक विक्रम पाण्डेय ने बताया, “हर भूखे को रोटी मिले ये मेरी पहली प्राथमिकता है। दूसरी कोशिश है कि लोगों की गैर-बराबरी को कम किया जा सके। इस ‘जन बाजार’ को जन सहयोग से बिग बाजार की तरह बनाने की कोशिश की गयी। जिससे एक गरीब व्यक्ति इस तरह के निशुल्क जन बाजार की चकाचौंध से परिचित हो सके। एक ही छत के नीचे जरूरत का सारा सामान उपलब्ध कराकर वंचितों को बिना पैसों के अपने पसंद के सामान लेने का मौका दिया गया।”
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लखनऊ के चारबाग़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म नम्बर छह पर इस जन बाजार का उद्घाटन पूर्वोत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम स्वदेश सिंह यादव, एसएसपी सिटी विकास त्रिपाठी ने फीता काटकर किया। सीनियर डीसीएम स्वदेश सिंह यादव ने इस जन बाजार की सराहना करते हुए कहा, “जो काम हम अधिकारियों को करना चाहिए वो काम इंडियन रोटी बैंक की तरफ से किया जा रहा है। इस तरह की पहल समाज में एक सकारात्मक सन्देश देती है, मुझे देखकर ये बहुत खुशी हुई कि आज सैकड़ों जरूरत मंदों ने इस बाजार में अपने मन का सामान खरीदा।” इस मौके पर डीसीएम स्वदेश सिंह ने एक जरूरतमंद बच्चे को ट्राई साइकिल देने का वायदा किया।
विक्रम पाण्डेय का कहना है, “इस तरह के बाजार हर दिन लगना सम्भव नहीं है। इसलिए आने वाले समय में हर तीन महीने में जहां भी हमारी यूनिट चल रही है इस तरह की नि:शुल्क जन बाजार का आयोजन करेंगे। शुरुवात एक दिन और कुछ घंटों से कर रहे हैं, आने वाले समय में इसके स्थायित्व के बारे में सोचा जा सकता है।”
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देश के अलग-अलग राज्यों में चल रहे रोटी बैंक के वालेंटियर इस तरह के जन बाजार लगाने के लिए अपने मोहल्ले में सामान एकत्रित करते हैं। ये लोगों से इस तरह के जन बाजार लगाने के लिए मदद की भी अपील करते हैं। खास बात ये है इस टीम के साथी नगद पैसे नहीं लेते बल्कि उसके बदले में जिसे जो सामान देना हो वो दे सकता है।
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