हिजाब, नकाब और बुर्के में क्या है अंतर, जानते हैं आप ?
Mohit Asthana 8 Oct 2017 6:34 PM GMT
लखनऊ। बुरका, हिजाब या नकाब ये शब्द तो आपने कई बार सुने होंगे। मुस्लिम समुदाय की महिलाएं इन परिधानों का ज्यादातर इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा और भी परिधान हैं इस्तेमाल मुस्लिम महिलाएं करती हैं जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे वो है शायला, अल अमीरा या चिमार और चादर। हम आपको बताते कि आखिर किस काम आते हैं ये अलग-अलग परिधान...
यह भी पढ़ें- मिसाल : मजहब की बेड़ियां तोड़ पिच पर उतरीं कश्मीरी महिला क्रिकेटर
बुरका
बुरके में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढका होता है। आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है। कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध होता रहा है।
हिजाब
हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है। इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है। हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है। दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं।
नकाब
नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है। सिर्फ आंखें ही दिखती हैं। अक्सर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है। नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं।
यह भी पढ़ें- #TripleTalaq : मुस्लिम महिलाओं को तलाक से बचाने के लिए बदला गया था इस फिल्म का नाम
शायला
शायला एक चौकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है। इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं। आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है। खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है।
अल अमीरा
अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है। इसके एक हिस्से से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है। अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है।
यह भी पढ़ें- मुस्लिम लड़कियों को मोदी सरकार की सौगात 51,000 रुपए का देगी शादी शगुन
चिमार
यह भी हेड स्कार्फ से जुड़ा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है। इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है।
चादर
जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है। ईरान में यह खासा लोकप्रिय है। इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है।
तीन तलाक का दर्द: ‘मैं हलाला की जलालत नहीं झेल सकती थी’
हलाला, तीन तलाक का शर्मसार करने वाला पहलू, जिससे महिलाएं ख़ौफ खाती थीं
More Stories