पोल्ट्री कारोबार करने के इच्छुक यहां से ट्रेनिंग लेकर शुरू कर सकते हैं अपना व्यवसाय

अगर आप पोल्ट्री के कारोबार में उतरना चाहते हैं और इस कारोबार के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (CARI) इसके लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ब्रायलर, लेयर, टर्की, गिनी फाउल, बटेर या फिर देसी फाउल से जुड़ा कोई भी व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए ये अच्छा मौका है।

Divendra SinghDivendra Singh   13 Feb 2021 1:11 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
murgi palan kaise kare,murgi palan paddhati,poultry farming,poultry farm business plan,desi murgi palan,desi murgi kaise paale,desi murgi palne ka tareeka,murgi palane ka tareeka,desi murgi ko kya khilaye,desi murgiyo ko kaise paale,indian chicken farming,desi murgi ko palane ki jankari,desi murga,desi ande ki pehchaan  Is Turkey farming profitable in India, How do I start a turkey farm, How long does it take for a turkey to grow to full size, How much do turkey farmers make a year, How many eggs do guineaपोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए बढ़िया मौका, ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर शुरू कर सकते हैं अपना व्यवसाय

पिछले कुछ वर्षों में पोल्ट्री कारोबार का चलन तेजी से बढ़ा है, कई बार लोग पोल्ट्री इस कारोबार में उतर तो जाते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ जाता है।

ऐसे लोगों के लिए केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, छह दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्रायलर, लेयर, टर्की, गिनी फाउल, बटेर, देसी फाउल जैसे पक्षियों को पालने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यक्रम छोटे स्तर पर कारोबार शुरू करने वालों के लिए है।

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (CARI) के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एमपी सागर ने गाँव कनेक्शन को बताया, "पोल्ट्री फार्मिंग के क्षेत्र में नए लोगों को जोड़ने के लिए संस्थान समय-समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाता रहता है। अभी तक कैंपस में ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन कोरोना की वजह से पिछली दो बार से ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें छोटे स्तर पर ब्रायलर, लेयर, टर्की, गिनी फाउल, बटेर और देसी फाउल पालन की पूरी जानकारी दी जाएगी। हर एक पक्षी को अलग तरह से रखा जाता है, इसलिए सबके के बारे में जानकारी दी जाएगी। जो लोग इस प्रशिक्षण को लेना चाहते हैं वो 14 मार्च के पहले रजिस्ट्रेशन कर लें।"


प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इच्छुक उम्मीदवार इस लिंक पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। क्लिक करने पर पंजीकरण फार्म खुलेगा, जिसे भरकर सबमिट करना होगा। इसके लिए उम्मीदवार जीमेल एकाउंट ज़रूरी है। फार्म भरने से पहले, प्रशिक्षण फीस का भुगतान संस्थान की वेबसाइट, https://cari.icar.gov.in/payment.php पर दिए गए पेमेंट गेटवे के माध्यम से करा होगा और रसीद की सॉफ्ट कॉपी को पंजीकरण फार्म में अपलोड करना होगा। अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र (अंतिम कक्षा/डिग्री) जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए) की सॉफ्ट कॉपी तैयार करके पंजीकरण फार्म में अपलोड कर दें। बाद में पंजीकरण फार्म भरें और सबमिट करें। इसके बाद आपको ईमेल से कंफर्मेशन और प्रशिक्षण के लिए लिंक भेजा जाएगा।

सामान्य और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के लिए प्रशिक्षण शुल्क 700 रुपए और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 400 रुपए फीस निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण शुल्क वापस नहीं होगा।

छह दिन का होगा ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम

ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 मार्च से 20 मार्च तक, सुबह 10:30 से शाम के 05:30 बजे तक चलेगा। उम्मीदवार को कम्प्यूटर, लैपटॉप या फिर एंड्रावयड फोन की जानकारी होनी चाहिए। इंटरनेट के लिए कम से कम 1.5 जीबी और 4जी डाटा प्लान होना चाहिए।


प्रशिक्षण कार्यक्रम में लाभदायक कुक्कुट प्रजातियों की जानकारी, पोल्ट्री फार्म के लिए उचित जगह का चुनाव, सस्ते और टिकाऊ पोल्ट्री आवास और जरूरी संयंत्र, बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग, लेयर चूजों और लेयर मुर्गियों का फार्म प्रबंधन, व्यावसायिक ब्रायलर मुर्गी पालन, गिन फाउल का फार्म प्रबंधन, बटेर पालन, सफल हैचरी प्रबंधन, सफल टर्की पालन, कुक्कुट आहार में पोषक तत्वों की भूमिका, मुर्गी आहार बनाने की विधि, प्रयोगशाला में इसकी जांच एवं दाने का भंडारण, कुक्कुट आहार में विषयुक्त फफंदों की रोकथाम, कुक्कुट अपशिष्ट से कुक्कुट खाद तैयार व उसकी उपयोगिता, मुर्गियों में होने वाले रोग और उनके लक्षण, उपचार व बचाव के लिए जैव सुरक्षा उपाय व टीकाकरण, कुक्कुट पालन के लिए आवश्यक पूंजी, लाभ-हानि का आंकलन और सरकारी योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, यहां मिलेगा प्रशिक्षण
जैविक मुर्गी पालन की इस तकनीक से किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी
गिनी फाउल पालन बन सकता है कमाई का बेहतरीन जरिया, कम लागत में होगी बढ़िया कमाई

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.