अगर आप युवा वैज्ञानिक हैं तो ये आपके काम की खबर है...

Divendra Singh | Aug 14, 2018, 13:37 IST
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी विषय में पीएचडी कर रहे या फिर पीएचडी के बाद शोध से जुड़े हुए युवा वैज्ञानिक अपने शोध से संबंधित लोकप्रिय विज्ञान आलेख इस प्रतियोगिता के लिए भेज सकते हैं।
#DST
नई दिल्ली। विज्ञान को सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाने के लिए अब युवा वैज्ञानिकों का सहारा लिया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस संबंध में एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता की घोषणा की है।

'शोध की अभिव्यक्ति के लिए लेखन कौशल को प्रोत्साहन' (अवसर) नामक इस परियोजना के अंतर्गत विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान के विभिन्न विषयों में पीएचडी या फिर उसके बाद शोध कर रहे शोधार्थियों से उनके अध्ययन से संबंधित विषय पर आलेख आमंत्रित किए गए हैं। इनमें से चयनित किए गए सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाएगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी विषय में पीएचडी कर रहे या फिर पीएचडी के बाद शोध से जुड़े हुए युवा वैज्ञानिक अपने शोध से संबंधित लोकप्रिय विज्ञान आलेख इस प्रतियोगिता के लिए भेज सकते हैं। वैज्ञानिक तथ्यों की सरल, सहज एवं बोधगम्य अभिव्यक्ति के मापदंडों पर प्रभावी पाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत फिलहाल हिंदी और अंग्रेजी में आलेख भेजे जा सकते हैं, जिनकी शब्द सीमा 1000 से 1500 शब्दों के बीच होनी चाहिए।

RDESController-2134
RDESController-2134


पीएचडी शोधार्थियों के लिए प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार, 50 हजार रुपये और तीसरा पुरस्कार 25 हजार रुपये है। इसके साथ ही चयनित किए गए 100 पीएचडी शोधार्थियों के लेखों में प्रत्येक को 10ह जार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी तरह, पोस्ट डॉक्टोरल फेलो वर्ग के तहत एक उत्कृष्ट लेख के लिए एक लाख रुपये और 20 अन्य चयनित प्रविष्टियों के लिए प्रत्येक को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रश्मि शर्मा बताती हैं, "राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद के अंतर्गत 'अवसर'कार्यक्रम की शुरुआत इस वर्ष 24 जनवरी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने की थी। इसका उद्देश्य अखबारों, पत्रिकाओं, ब्लॉग्स, सोशल मीडिया इत्यादि के जरिये युवा वैज्ञानिकों की क्षमता का उपयोग विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए करना है।"

इस पहल से वैज्ञानिक शोधों की जानकारी का प्रसार रोचक ढंग से ऐसी सरल भाषा में किया जा सकेगा, जिसे आम पाठक आसानी से समझ सकें। इससे भारत में हो रहे वैज्ञानिक शोधों और उनके महत्व के बारे में जागरूकता के प्रसार के साथ-साथ नए विज्ञान संचारक तैयार करने में भी मदद मिल सकेगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विज्ञान संचारकों के पैनल द्वारा इन प्रविष्टियों का मूल्यांकन किया जाएगा। आवेदन की तिथि 15 अगस्त से 30 सितंबर, 2018 है। इस संबंध में अधिक जानकारी www.awsar-dst.in पर मिल सकती है। प्रविष्टि भेजने के लिए प्रतिभागियों को इस वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष 28 फरवरी को प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर प्रदान किए जाएंगे। (इंडिया साइंस वायर)

Tags:
  • DST
  • science communication
  • indian sciencist

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.