भाई ने रक्षाबंधन को बनाया यादगार, बहन के लिए बनवा दिया शौचालय
गाँव कनेक्शन | Aug 08, 2017, 20:57 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। बनारस के इस भाई ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अपनी बहन के ससुराल में शौचालय बनाकर एक नायाब तोहफा दिया। छह भाइयों में अकेली बहन अपनी ससुराल में आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से पिछले 11 वर्षों से खुले में शौच जा रही थी, बहन ने कहा ये तोहफा उसे जिंदगी भर याद रहेगा।
बनारस जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर काशी विद्यापीठ के घमहापुर गांव में रहने वाले अशोक कुमार पटेल (30 वर्ष) गाँव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, ‘बहन की शादी के बाद जब उनके ससुर नहीं रहे तो घर में पैसे की बहुत परेशानी हो गई, घर का खर्चा ही मुश्किल से चल पाता था। हमारी बहन को शौच के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था।’ अशोक इस समय अपने गांव के प्रधान पति है। उन्होंने कहा, ‘जबसे स्वच्छ भारत अभियान का कार्यक्रम तेजी से शुरू हुआ है तबसे गाँव-गाँव जाकर हमने भी जागरुकता के कार्यक्रम किए हैं, हमें लगा हम सबके शौचालय बनवा रहे हैं क्यों न इस बार अपनी बहन के लिए इस राखी पर शौचालय ही बनवा दें जिससे उसकी रोज की मुश्किलें खत्म हो जाएं।’
रक्षाबंधन के एक सप्ताह पहले जब अशोक कुमार अपनी बहन की ससुराल लेने पहुंचे तो पता चला उनकी बहन को शौच के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। अशोक कुमार का कहना है, ‘अपनी बहन को हजार पंद्रह सौ की साड़ी हर बार राखी पर दे देते थे पर इस बार मुझे लगा कि मैं उसके लिए खुद शौचालय बनवाऊंगा। इसके लिए पांच दिन उसकी ससुराल में रूककर हमने खुद शौचालय बनवाया।’
वहीं अशोक कुमार की बहन सुनीता पटेल (33 वर्ष) ने इसपर फोन पर बताया, ‘शौच के लिए हमें खेत में बहुत दूर जाना पड़ता था, बहुत दिक्कत होती थी। मेरी छह ननद हैं, उनकी शादी करनी है इसलिए शौचालय बनाने के लिए कभी पैसा हो नहीं पाया।’ वो आगे बताती हैं, ‘इस बार भैया लेने आये, उन्होंने कहा इस बार वो हमारे लिए खुद शौचालय बनाएंगे, पांच दिन रुककर शौचालय बनवाया तब घर गये, पूरे गाँव में मेरे भैया द्वारा बनाए गये शौचालय की चर्चा है।’
सुनीता इस बार अपने भैया द्वारा राखी पर दिए गए तोहफे से बहुत खुश है। वह कहती हैं, ‘इस बार तो सबकुछ मिल गया, ये तोहफा जिंदगीभर याद रहेगा, इससे बड़ा तोहफा हमारे लिए क्या हो सकता है, हर दिन एक किलोमीटर बहार जाने की चिंता खत्म हो गयी।’
लखनऊ। बनारस के इस भाई ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अपनी बहन के ससुराल में शौचालय बनाकर एक नायाब तोहफा दिया। छह भाइयों में अकेली बहन अपनी ससुराल में आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से पिछले 11 वर्षों से खुले में शौच जा रही थी, बहन ने कहा ये तोहफा उसे जिंदगी भर याद रहेगा।
बनारस जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर काशी विद्यापीठ के घमहापुर गांव में रहने वाले अशोक कुमार पटेल (30 वर्ष) गाँव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, ‘बहन की शादी के बाद जब उनके ससुर नहीं रहे तो घर में पैसे की बहुत परेशानी हो गई, घर का खर्चा ही मुश्किल से चल पाता था। हमारी बहन को शौच के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था।’ अशोक इस समय अपने गांव के प्रधान पति है। उन्होंने कहा, ‘जबसे स्वच्छ भारत अभियान का कार्यक्रम तेजी से शुरू हुआ है तबसे गाँव-गाँव जाकर हमने भी जागरुकता के कार्यक्रम किए हैं, हमें लगा हम सबके शौचालय बनवा रहे हैं क्यों न इस बार अपनी बहन के लिए इस राखी पर शौचालय ही बनवा दें जिससे उसकी रोज की मुश्किलें खत्म हो जाएं।’
रक्षाबंधन के एक सप्ताह पहले जब अशोक कुमार अपनी बहन की ससुराल लेने पहुंचे तो पता चला उनकी बहन को शौच के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। अशोक कुमार का कहना है, ‘अपनी बहन को हजार पंद्रह सौ की साड़ी हर बार राखी पर दे देते थे पर इस बार मुझे लगा कि मैं उसके लिए खुद शौचालय बनवाऊंगा। इसके लिए पांच दिन उसकी ससुराल में रूककर हमने खुद शौचालय बनवाया।’
वहीं अशोक कुमार की बहन सुनीता पटेल (33 वर्ष) ने इसपर फोन पर बताया, ‘शौच के लिए हमें खेत में बहुत दूर जाना पड़ता था, बहुत दिक्कत होती थी। मेरी छह ननद हैं, उनकी शादी करनी है इसलिए शौचालय बनाने के लिए कभी पैसा हो नहीं पाया।’ वो आगे बताती हैं, ‘इस बार भैया लेने आये, उन्होंने कहा इस बार वो हमारे लिए खुद शौचालय बनाएंगे, पांच दिन रुककर शौचालय बनवाया तब घर गये, पूरे गाँव में मेरे भैया द्वारा बनाए गये शौचालय की चर्चा है।’
सुनीता इस बार अपने भैया द्वारा राखी पर दिए गए तोहफे से बहुत खुश है। वह कहती हैं, ‘इस बार तो सबकुछ मिल गया, ये तोहफा जिंदगीभर याद रहेगा, इससे बड़ा तोहफा हमारे लिए क्या हो सकता है, हर दिन एक किलोमीटर बहार जाने की चिंता खत्म हो गयी।’