ख़बर का असर : बकरियां बेचकर सास के लिए शौचालय बनवाने वाली बुजुर्ग महिला को डीएम ने घर जाकर किया सम्मानित
Bharti Sachan | Jun 06, 2017, 14:43 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कानपुर देहात। पांच बकरियां बेचकर अपनी 110 साल की साल के लिए शौचालय बनवाने वाली चंदाना देवी हजारों लोगों के लिए मिशाल बन गई हैं। कानपुर देहात में उनके गांव समेत सोशल मीडिया में उनके काम की सराहना हो रही है। कानपुर देहात के डीएम ने उनके गांव पहुंचकर स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान की सराहना की है बल्कि शौचालय में आई लागत के 12 हजार रुपये का चेक भी उनको दिया। गांव कनेक्शन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
करीब 400 घरों वाले अनंतापुर समेत आसपास के कई गांवों के लोग अब चंदाना देवी के नक्शे कदम पर चलेंगे, उन्होंने भी अपने घरों में शौचालय बनवाने का फैसला किया। भारत जैसे देश में जहां सरकारी पैसे से बने शौचालय के इस्तेमाल के लिए भी सरकारों को जागरुका कार्यक्रम चलाने पड़ते हैं, वहां पर चंदाना देवी जैसी महिलाएं उदाहरण बनेगी तो स्वच्छ भारत के सपने को पंख लग सकते हैं।
गांव कनेक्शऩ में प्रकाशित ख़बर, जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और इसे स्वच्छ भारत के अधिकारियों ने भी शेयर किया।
कानपुर देहात। पांच बकरियां बेचकर अपनी 110 साल की साल के लिए शौचालय बनवाने वाली चंदाना देवी हजारों लोगों के लिए मिशाल बन गई हैं। कानपुर देहात में उनके गांव समेत सोशल मीडिया में उनके काम की सराहना हो रही है। कानपुर देहात के डीएम ने उनके गांव पहुंचकर स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान की सराहना की है बल्कि शौचालय में आई लागत के 12 हजार रुपये का चेक भी उनको दिया। गांव कनेक्शन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
शौचालय बनने के बाद चंदना देवी काफी खुश हैं। दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर कानपुर देहात के अनंतापुर में रहने वाली 80 साल की चंदाना के घर में शौचालय नहीं था। उनसे उम्र में कहीं बड़ी 110 साल की उनकी सास माया देवी को बाहर शौच जाने में परेशानी होती थी, एक दिन वो खेत में ही गिर गईं। जिसके बाद चंदाना देवी ने अपनी पांच बकरियां बेचकर शौचालय बनवा दिया।
करीब 400 घरों वाले अनंतापुर समेत आसपास के कई गांवों के लोग अब चंदाना देवी के नक्शे कदम पर चलेंगे, उन्होंने भी अपने घरों में शौचालय बनवाने का फैसला किया। भारत जैसे देश में जहां सरकारी पैसे से बने शौचालय के इस्तेमाल के लिए भी सरकारों को जागरुका कार्यक्रम चलाने पड़ते हैं, वहां पर चंदाना देवी जैसी महिलाएं उदाहरण बनेगी तो स्वच्छ भारत के सपने को पंख लग सकते हैं।
गांव कनेक्शऩ में प्रकाशित ख़बर, जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और इसे स्वच्छ भारत के अधिकारियों ने भी शेयर किया।