मौसम विभाग की इस भविष्यवाणी ने किसानों के चेहरे पर लौटाई मुस्कान
Jitendra Tiwari | Jun 02, 2017, 13:39 IST
गोरखपुर। मई 2014 से लगातार सूखे की मार झेल रहे पूर्वांचल के अन्नदाताओं के लिए मई 2017 का मानसून वरदान साबित हो सकता है। धान की नर्सरी लगाने से पहले मानसून की दस्तक से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। गोरखपुर के विभिन्न ब्लॉकों में धान की अच्छी पैदावार होती है।
मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो मंगलवार की सुबह हुई झमाझम बारिश 11 मिमी दर्ज की गई है। मई के अन्य दिनों में 26.07 मिमी बारिश दर्ज की गई। कुल मिलाकर अकेले मई में मंगलवार की सुबह तक 37.07 मिमी बारिश हो चुकी है।
दरअसल, पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ-साथ महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर में धान की बड़े पैमाने पर रोपाई होती है। इनमें महराजगंज और सिद्धार्थनगर में कालानमक और बासमती धान की अच्छी पैदावार होती रही है। हाल के दिनों में मानसून के दगा देने के चलते किसान काफी निराश हो गए थे।
ब्रह्मपुर ब्लॉक के ब्रह्मपुर गाँव निवासी किसान नलनिरंजन दुबे उर्फ मुन्ना दुबे (65 वर्ष) ने बताया, “पिछले तीन साल से धान की फसल तबाह होती आ रही है, हिम्मत जवाब दे चुकी थी, लेकिन इस बार मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान से हौसला मजबूत हुआ है। बारिश भी होने लगी है।” ब्रह्मपुर ब्लॉक के मिठाबेल गाँव के रहने वाले राजन दुबे (50 वर्ष) ने बताया, “ऐसा महसूस हो रहा है कि इस बार बारिश होगी, क्योंकि मौसम वैज्ञानिकों ने पहले ही आगाह कर दिया है। तीन साल से धान की खेती चौपट हो रही थी, गन्ने की सिंचाई के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी है।”
वहीं सरदारनगर ब्लॉक के बदुरहिया खुर्द निवासी दयाशंकर (50 वर्ष) ने बताया, “बारिश की आहट से हमलोग काफी गदगद हैं। इंद्रदेव अगर ऐसे ही मेहरबान रहे तो तीन साल के नुकसान की भरपाई इस बार हो जाएगी। बस सरकार को चाहिए कि किसानों की सुध लेती रहे।” पाली ब्लॉक के घघसरा गाँव निवासी अजय कुमार (45 वर्ष) ने बताया, “धान की नर्सरी लगाने के लिए सोच रहा हूं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानसून इस बार जल्द ही दस्तक देगा। पिछले तीन वर्षों में काफी नुकसान हुआ है।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो मंगलवार की सुबह हुई झमाझम बारिश 11 मिमी दर्ज की गई है। मई के अन्य दिनों में 26.07 मिमी बारिश दर्ज की गई। कुल मिलाकर अकेले मई में मंगलवार की सुबह तक 37.07 मिमी बारिश हो चुकी है।
दरअसल, पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ-साथ महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर में धान की बड़े पैमाने पर रोपाई होती है। इनमें महराजगंज और सिद्धार्थनगर में कालानमक और बासमती धान की अच्छी पैदावार होती रही है। हाल के दिनों में मानसून के दगा देने के चलते किसान काफी निराश हो गए थे।
ये भी पढ़ें- कम खर्चीली हैं धान की ये क़िस्में
इंद्रदेव मेहरबान हुए तो तीन साल की होगी भरपाई
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।