लड़कियां इस गाँव में नहीं करना चाहतीं शादी, कारण जान चौंक जाएंगे आप

गाँव कनेक्शन | May 26, 2017, 00:21 IST
water
ओपी सिंह परिहार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। जहां पूरी दुनिया मंगल ग्रह पर पहुंचने की कोशिश कर रही है, वहीं इलाहाबाद के कयी गाँव, देश की आज़ादी के 70 साल बाद भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इलाहाबाद जिले के बारा तहसील अंतर्गत जसरा और शकरगढ़ विकास खंड के दर्जनों ऐसे गाँव हैं, जहां यह दुर्दशा इस कदर व्याप्त है कि लोग बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधा से वंचित हैं। इन गाँवों के लोग पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करते हैं, तब जाकर कहीं पानी का एक कतरा मिलता है। बिजली और सड़क नहीं होने की वजह से लोग अपने पक्के मकान को छोड़कर पलायन करने लगे हैं। हालात तो ग्रामीण यहां तक बदतर बताते हैं कि इन गाॅंवों में लड़कियां शादी तक नहीं कर चाहती।

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

लड़कियां करती हैं शादी से इंकार

इन गाॅंवों के बुजुर्गों का कहना है कि पानी की समस्या के साथ-साथ बिजली की समस्या गर्मी में जानलेवा बन जाती है। उनका यह भी कहना है कि बिजली की समस्या की वजह से गाँव के लड़कों से लड़कियां शादी से इंकार कर देती हैं। ग्रामीण बलदेव जायसवाल (55वर्ष) का कहना है, “ छोटे लड़के की शादी एक साल पहले प्रतापगढ़ जिले के धनवासा गाँव में तय हुई थी, लेकिन लड़की ने यह कहते हुए मना कर दिया की मैं शादी नहीं करुँगी उस गाँव में बिजली नहीं है।”

गाँव के बाहर स्थित कुएं से पानी लाती बालिकाएं।
गाँवों को समस्यामुक्त बनाने पर काम चल रहा है। जल्द ही जिले के सभी गाँवों को बिजली की सुविधा से युक्त कर दिया जायेगा। रही बात पेय जल की समस्या की तो गर्मी में पानी का स्तर नीचे चले जाने से समस्या बढ़ जाती है। जिन गाँवों में नल की कमी है, वहां की सूची तैयार कर नल लगवाया जायेगा।
संजय कुमार, जिलाधिकारी, इलाहाबाद

ये भी पढ़ें- पानी के बिना कुछ ऐसा दिखेगा इंडिया

प्यास बुझाने के लिए घण्टों बहाते हैं पसीना

बारा तहसील से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चामू ग्राम सभा का श्री तारा माज़रा गाँव जिसकी कुल आबादी 1000 के करीब है। यहां 300 से अधिक मतदाता हैं। इस गाँव में केवल एक नल है, जिसे ग्रामीणों ने आपस में चन्दा लगाकर लगवाया है। गाँव को आज तक सरकार की ओर से लगने वाला नल प्राप्त नहीं हो सका है। नल के अलावा गाँव में वर्षों पुराना एक कुआँ है, जिसका पानी अब पीने योग्य नहीं है।

गाँव में स्थित एक कुएं का हाल। इसके अलावा शकरगढ़ ब्लाक के दर्जनों गाँव हैं, जहाँ के बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक सुबह होते ही पानी के लिए हाथों में बर्तन लेकर पानी की तलाश में गाँव से दो-तीन किलोमीटर दूर की सफर पर निकल जाते है। जब तक कहीं पानी नज़र नहीं आता, तब तक इनके कदम नहीं थमते। यह हाल है क्षेत्र के हल्लाबोल, पुरेबैजनाथ, ललई, सोनवर्षा, कोहड़िया, पहाड़पुर, गन्ने,जारी, पाडुआ प्रताप पुर, हरखोरिया, नौडिया उपरहार, पहाड़ी, गीज़, जिगना गाँव के, जहां हर साल गर्मी के मौसम में पानी का दंश झेलना पड़ता है। कुछ गाँवों में सरकारी नल इतनी कम गहराई में लगाये गए है कि पानी का स्तर कम होते ही नलों से पानी की जगह गर्म हवा निकलने लगती है तो कुछ नल वर्षों से खराब पड़े हैं।

ये भी पढ़ें- इस विधि से कम पानी में भी 30 प्रतिशत तक बढ़ेगी धान की पैदावार

हरखोरिया निवासी पुरूषोत्तम जयसवाल (44वर्ष) का कहना है, “ पानी की किल्लत से जीना दूभर हो गया है। गर्मी के मौसम में रिश्तेदार भी आने से कतराते है, पर हम कहा जाएं, हमारा तो घरबार यही है।”

वहीं पुरे बैजनाथ निवासी सुरेंद्र सिंह (48वर्ष) बताते हैं, “ सिंचाई विभाग के द्वारा नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद पत्थरों की खदानों से रिस कर जमा हुए पानी को पीने से हर साल गाँव के दर्जनों लोग डायरिया के शिकार हो जाते हैं। कुछ लोग इस पानी के सेवन से अपनी जान भी गंवा चुके हैं, बावजूद इसके लोग इस गन्दे पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।” पानी की किल्लत को दूर करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित आला-अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नज़र नहीं आया।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • water
  • ALLAHABAD
  • शादी
  • Water shortage
  • Allahabad samachar

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.